तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर । स्वतंत्रता सेनानी क्षेमानंद करण की 155वीं जयंती समारोह उनकी जन्मस्थली पूर्व मेदिनीपुर जिलांतर्गत खेजुरी में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। खेजुरी के भांगनमारी गांव में क्षेमानंद करण के आवास स्थित स्मारक मंदिर में आयोजक सुमन नारायण बाकरा और सह सचिव सुदर्शन सेन ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर क्षेमानंद करण की पुत्रवधू मोनिका करण व कोएना करण और करण परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। इसी दिन दोपहर के समय चालतातला बालक संघ पुस्तकालय कक्ष में क्षेमानंद बाबू के जन्मोत्सव पर परिचर्चा सभा का आयोजन किया गया।

जिसकी अध्यक्षता आयोजन संस्था के अध्यक्ष खेजुरी के पूर्व विधायक डॉ. रामचंद्र मंडल ने की। सुमन नारायण बाकरा, सुभाष चंद्र मंडल, फजलुल रहमान तथा अमित मंडल और अन्य लोगों ने क्षेमानंद करण के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में आयोजित परिचर्चा में भाग लिया। लगभग भूले-बिसरे स्वतंत्रता सेनानी की जीवन गाथा को सबके सामने प्रस्तुत करने की इस पहल की सभी ने मुक्तकंठ से सराहना की। इस आयोजन का एक मुख्य आकर्षण अखबार कलेक्टर मधुसूदन जाना द्वारा खेजुरी की विरासत पर अखबारों के कतरनों की प्रदर्शनी थी। सुदर्शन सेन ने पूरे कार्यक्रम की मेजबानी की।

बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी क्षेमानंद करण का जन्म 25 नवंबर, 1868 को सुदूर खेजुरी के भांगमारी गांव में हुआ था। पिता का नाम नारायण प्रसाद था। वे 12वीं कार्तिक बंगाब्द 1312 को अजानबाड़ी हाट में आयोजित खेजुरी की पहली ऐतिहासिक बंग-भंग विरोधी बैठक के आयोजकों में से एक थे। साथ ही उन्होंने खेजुरी में विभिन्न स्थानों पर कई बंग-भंग विरोधी सभाएँ आयोजित कीं। महेंद्रनाथ करण (1886-1928), खेजुरी के पहले वास्तविक इतिहासकार, उनके पुत्र थे और खेजुरी के पहले विधायक, स्वतंत्रता सेनानी कौस्तभ कांति करण (1919-1955) उनके पोते थे। क्षेमानंद बाबू का 42 वर्ष की आयु में 12 जुलाई, 1910 को निधन हो गया था।

Shrestha Sharad Samman Awards

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

14 − 10 =