चुनावी बुखार में तप रहे खड़गपुर को मिली साहित्य की शीतल छांव

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। नगरपालिका चुनाव की तपिश झेल खड़गपुर को वसंत पंचमी पर साहित्य की शीतल छांव ने अद्भुत ठंडक का अहसास कराया। शहर ही क्यों तकरीबन समूचा जंगल महल इन दिनों नगरपालिका चुनाव की शतरंजी चालें देख रहा है। लेकिन दूसरी तरफ शहर के बोगदा में प्रेस क्लब ऑफ खड़गपुर के तत्वावधान में आयोजित सरस्वती पूजा में अलग ही परिदृश्य देखा गया। एक मंच पर सामाजिक सरोकार से लेकर कवि सम्मेलन तक का सफल आयोजन कर क्लब के कर्णधार जितेश बोरकर, सुमन दास और भानु नायडू की तिकड़ी ने अपने अथक प्रयासों व जीवटता को एक बार फिर प्रमाणित किया।

सबसे बड़ी बात यह कि इस उपलक्ष्य में हिंदी व बांग्ला कवि सम्मेलन कर आयोजकों ने साहित्य प्रेमियों की उस शिकायत को दूर करने की कोशिश की, जिसके तहत शहर के साहित्य से दूर होते जाने पर आहें भरी जाती है। वसंत पंचमी की शाम सजे इस मंच पर बांग्ला साहित्यकार सुनील माझी, वरिष्ठ समाजसेवी दीपक कुमार दासगुप्ता, समीर गुहा व गोपाल अग्रवाल समेत बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

कवियों की महफिल सजी तो अभिनंदन गुप्ता, अजीश नायर, सत्यम, नीलम अग्रवाल तथा उमेश प्रसाद शर्मा ‘फिक्र’ आदि ने अपनी-अपनी रचनाएं सुना कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। युवा से लेकर बुजुर्ग कवियों ने नारी शक्ति, प्रेम और देशभक्ति पूर्ण कविताएं सुना कर उपस्थित साहित्य प्रेमियों को तृप्त कर दिया। मंच से अलग-अलग क्षेत्रों के सशक्त हस्ताक्षरों को “प्राइड ऑफ खड़गपुर” तथा “सन ऑफ खड़गपुर” अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया।

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