तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में लगातार उतार-चढ़ाव कायम है। अपने शहर खड़गपुर की बात करें तो कभी परिस्थितियां अनुकूल नजर आती है तो कभी हालात हाथ से बाहर निकलने का आभास कराते हैं। हालिया घटना क्रम में स्थानीय नगरपालिका के पूर्व उपाध्यक्ष शेख हनीफ समेत कई के संक्रमित होने के वाकये ने शहर में सिहरन दौड़ा दी है।

आलम यह कि हर चेहरे पर चिंता और आंखों में आशंका साफ दिखाई दे रही है, क्योंकि संक्रमण का दायरा लगातार व्यापक होते जाने का डर हर किसी को सता रहा है। हनीफ के सक्रिय और सार्वजनिक जीवन के चलते बड़ी संख्या में लोग क्वारंटीन मैं जाने को मजबूर हुए हैं, जिनमें कई जन प्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल है। कोरोना के खिलाफ अभियान के मजबूत स्तंभ नगरपालिका कार्यालय में आशंका और अनिश्चितता हावी है।

ऐसे में यह सवाल अहम हो चला है कि अभियान की  दशा-दिशा अब क्या होगी। दूसरी ओर संक्रमण के लगातार नए मामले भी सामने आ रहे है। अन लॉक अभियान शुरू होने पर शहर में जनजीवन सामान्य होने की जो उम्मीद बंधी थी,  वो अब धूल में मिलती नजर आ रही है।

रेल महकमे के आगामी 12 अगस्त तक नियमित लोकल – पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन नहीं चलाने की ताजा घोषणा से समाज का वह वर्ग मायूस हुआ है, जिसकी रोजी – रोटी ट्रेनों पर निर्भर है। केवल हॉकर ही नहीं बल्कि हजारों की संख्या में ऐसे कामगार हैं जो ट्रेन से यातायात कर किसी तरह अपनी आजीविका चलाते हैं,  ट्रेन परिचालन खटाई में पड़ने से उनका भविष्य और काम की गारंटी पर भी खतरा मंडराने लगा है।

यह सही है कि मौजूदा हालात पर किसी का वश नहीं है,  लेकिन समस्या और सवाल भी अपनी जगह है,  जो सिर्फ जवाब और समाधान मांगता है। इसीलिए मौजूदा माहौल में सिर्फ इतना कहा जा सकता है….हर चेहरे पर चिंता और आंखों में आशंका ….!!

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