तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। भाई दूज का पावन दिन जिसे कहीं ‘भातृद्वितीया’, तो कहीं ‘भाईफोंटा’ कहा जाता है; भाई-बहन के स्नेह और अटूट प्रेम का यह पर्व रिश्तों की मधुरता का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों के मस्तक पर स्नेह का तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और मंगल की कामना करती हैं। बदले में भाई देते हैं उपहार और वातावरण भर जाता है अपनापन व प्रेम के सुरों से।
इसी अवसर पर पश्चिम मेदिनीपुर जिले के खड़गपुर महिला थाना ने रचा एक नया सामाजिक उदाहरण। पुलिस अधीक्षक धृतिमान सरकार के निर्देशन में थाने की ओर से ‘किशलय’ विद्यालय के बच्चों के सहयोग से आयोजित हुआ एक “गण-भाईफोटा उत्सव”। जहाँ भाई-बहन के बंधन को समाज के हर कोने तक पहुँचाने का संकल्प लिया गया।
इस अनोखे आयोजन में 50 से अधिक बालक-बालिकाएँ सम्मिलित हुए। जिन बच्चों के पास भाई या बहन नहीं थे, उन्हें इसी मंच पर मिले अपने ‘नए रिश्ते’। छोटी बहनों ने अपने नए भाइयों को फोटा दिया, उपहार बाँटे गए और उसके बाद सभी ने साथ बैठकर प्रसाद स्वरूप मध्यान्ह भोजन किया।

पूरा क्षेत्र इस अनोखी पहल से पुलकित हो उठा। स्थानीय लोगों ने कहा “जहाँ समाज बिखर रहा है, वहाँ इस पहल ने भाई-बहन के प्रेम से मानवता को फिर से जोड़ा है।” सचमुच, यह गण-भाईफोटा भावनाओं की एक नई गाथा बन गया।
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