तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत कांथी जिले में एक विशिष्ट नागरिक सम्मेलन का आयोजन कांथी टाउन हॉल में किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दक्षिण बंग क्षेत्र के सह प्रचार प्रमुख एवं ‘भावा इंस्टीट्यूट’ के वैज्ञानिक डॉ. यिष्णु बसु, ताम्रलिप्त विभाग के कार्यवाह गौरहरि सामंत, सह-कार्यवाह गौरांग खाड़ा, कांथी जिले के कार्यवाह पार्थ दास और कार्यकर्ता शुभंकर मुखर्जी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि “राष्ट्राय स्वाहा, इदं न मम” अर्थात् कुछ भी मेरा नहीं, सब कुछ राष्ट्र के लिए समर्पित है। इस आदर्श वाक्य को पथ के रूप में लेकर भारत माता की सेवा में समर्पित दैनिक शाखाओं के माध्यम से प्राप्त संस्कार और व्यक्ति निर्माण की शक्ति से ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ ने समाज का अटूट विश्वास और स्नेह अर्जित करते हुए अपने सौ वर्ष पूरे कर लिए हैं।

‘स्वयंसेवक’ अर्थात स्वयं को सेवा कार्य में समर्पित करना, देश और जनहित में नियोजित रहना ही स्वयंसेवक का धर्म और ध्यान है। बीते सौ वर्षों से देश और समाज के हित की उस परंपरा को बनाए रखते हुए इस ऐतिहासिक क्षण को स्मरणीय बनाने और भारत की आत्मा के पुनर्जागरण के लिए ‘पंच परिवर्तन’ का संदेश समाज तक पहुँचाने को प्रयासरत है।
जिससे भारत अपने वैश्विक उत्तरदायित्व का उचित निर्वहन करते हुए आने वाली पीढ़ियों के सामने विश्वगुरु के रूप में सम्पूर्ण मानवता के मार्गदर्शक की भूमिका निभा सके, इसी कामना के साथ सभी ने मिलकर समाज जागरण के कार्य में जुटने का संकल्प लिया।
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