Junior doctors in Bengal again go on complete strike

बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों ने काम फिर से पूरी तरह बंद किया

कोलकाता, एक अक्टूबर : पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों ने सभी चिकित्सा प्रतिष्ठानों में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को फिर से अनिश्चितकाल के लिए काम पूरी तरह बंद कर दिया।

कनिष्ठ चिकित्सक 42 दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में आंशिक रूप से अपनी ड्यूटी पर लौटे थे। चिकित्सकों ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद एक महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के विरोध में काम बंद कर दिया था।

प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में शामिल अनिकेत महतो ने कहा, ‘‘हमें सुरक्षा की हमारी मांगों को पूरा करने को लेकर राज्य सरकार का कोई सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं दिख रहा। आज (विरोध प्रदर्शन का) 52वां दिन है और हम पर अब भी हमले हो रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठकों के दौरान किए गए अन्य वादों को पूरा करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। मौजूदा स्थिति में हमारे पास आज से काम पूरी तरह बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक राज्य सरकार इन मांगों पर स्पष्ट कार्रवाई नहीं करती, तब तक कार्य पूरी तरह बंद रहेगा।’’

कनिष्ठ चिकित्सकों ने बुधवार को मध्य कोलकाता में ‘कॉलेज स्क्वायर’ से धर्मतला तक मार्च निकालने का आह्वान किया है तथा सभी वर्गों के लोगों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

कनिष्ठ चिकित्सकों ने बयान में कहा, ‘‘हम दो अक्टूबर को महालया के दिन मार्च निकालने और सभा करने का आह्वान कर रहे हैं। मार्च ‘कॉलेज स्क्वायर’ से धर्मतला तक निकाला जाएगा जहां एक सभा होगी। हम समाज के सभी वर्गों के लोगों से रैली में शामिल होने का आग्रह करते हैं।’’

कनिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि उनकी सबसे अहम मांग मृतक महिला चिकित्सक के लिए न्याय है और लंबी न्यायिक प्रक्रिया अपनाकर इसमें देर करने के बजाय तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।

चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सचिव को उनके पद से तत्काल हटाने तथा स्वास्थ्य विभाग से प्रशासनिक अक्षमता एवं भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेने की भी मांग की।

उन्होंने राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली के अलावा एक डिजिटल बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली स्थापित करने और सीसीटीवी कैमरों, चिकित्सकों के विश्राम के लिए कक्ष और स्नानगृह के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु कार्यबल गठित करने की भी मांग की।

उन्होंने अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाए जाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सों और स्वास्थ्य कर्मियों के सभी रिक्त पदों को तुरंत भरने पर जोर दिया।

बयान में कहा गया, ‘‘अभया के लिए न्याय, स्वस्थ, जन-उन्मुख, भय-मुक्त स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और सबसे बढ़कर, समाज से भय की राजनीति को खत्म करने के लिए हमारा विरोध जारी रहना चाहिए।’’

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