Joint meeting of South Eastern Railway Mazdoor Sangh, SC/ST and OBC Association, RKTA

दक्षिण पूर्व रेलवे मजदूर संघ, एससी, एसटी व ओबीसी एसोशिएसन, आरकेटीए की संयुक्त बैठक

मनीषा झाः- 11 वर्षो बाद रेलवे में यूनियनो के मान्यता हेतु 4, 5 एवं 6 दिसम्बर को चुनाव होने वाला है। इससे पहले यह चुनाव वर्ष 2007 एवं 2013 में हुआ था। यह चुनाव प्रत्येक पांच वर्षो में होता है। इस बार दक्षिण पूर्व रेलवे जोन में मान्यता प्राप्त हेतु डीपीआरएमएस सहित सात यूनियनों ने नामांकन किया था।

जिसमें एक यूनियन का नामांकन चुनाव आचार संहिता के नियमों के अनुरुप नहीं पाये जाने के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रधान मुख्य कार्मिक अधिकारी व रिटर्निंग अधिकारी, महुआ वर्मा द्वारा रद्द घोषित कर दिया गया।

खड़गपुर मंडल, खड़गपुर कारखाना, गार्डेनरीच, चक्रधरपुर मंडल, आद्रा मंडल, रांची मंडल को मिलाकर 90 चुनाव बूथ बनाये गये हैं।

इस चुनाव में लगभग साढ़े 76 हजार रेलवे कर्मचारी मतदान करेगें। मान्यता प्राप्त करने हेतु यूनियन को कुल मतों का 30 प्रतिशत या मतदान किये गये कुल मतों का 35 प्रतिशत लाना पड़ेगा। मान्यता प्राप्त करने वाले यूनियन पीएनएम के माध्यम से रेलवे के कर्मचारियों की समस्याओं को मंडल स्तर, मुख्यालय स्तर एवं रेलवे बोर्ड स्तर उठाते हैं।

इस चुनाव में ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इम्पलाइज एशोसिएशन, ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे इम्पलाइज फेडेरेशन, आरकेटीए, ऑल इंडिया इंजीनियरिंग फेडेरेशन तथा अन्य एशोसिएसनों ने सहयोग का वादा किया है।

संयुक्त बैठक में डीपीआरएमएस की ओर से संरक्षक प्रहलाद सिंह, महामंत्री बलवंत सिंह, जोनल उपाध्यक्ष मनीष चंद्र झा, जोनल संगठन मंत्री पवित्र कुमार पात्रो, खड़गपुर मंडल संयोजक टी. हरिहर राव, खड़गपुर कारखाना सचिव पी. के. कुंडु, कारखाना संगठन मंत्री कौशिक सरकार, ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इम्पलाइज एशोसिएशन की ओर से जोनल महामंत्री हंसराज,

जोनल सीनियर उपाध्यक्ष शंभू प्रसाद, खड़गपुर मंडल अध्यक्ष एस ईश्वर राव, खड़गपुर कारखाना अध्यक्ष रोमित कूजूर, खड़गपुर कारखाना सचिव बी कृष्णा राव, आर के टी ए की ओर से जोनल अध्यक्ष पी. पापा राव, ऑल इंडिया ओबीसी रेलवे इम्पलाइज फेडेरेशन की ओर से कारखाना अध्यक्ष वेणु उपस्थित थे।

ऑल इंडिया एससी एसटी रेलवे इम्पलाइज एशोसिएशन के जोनल महामंत्री हंसराज ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि रेलवे कर्मचारी दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनों की अकर्मण्यता से क्षुब्ध हो चुके है। दोनों यूनियनें सिर्फ अपनी कुर्सी की लड़ाई में व्यस्त है।

उनकी इस कोर्ट कचहरी की लड़ाई के कारण रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है एवं रेलवे अधिकारी अपनी मनमानी करते हैं। इस कारण इस चुनाव में डीपीआरएमएस का सहयोग कर दोनों यूनियनों को हराना है और डीपीआरएमएस को विजेता बनाना है।

डीपीआरएमएस के महामंत्री बलवंत सिहं ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि डीपीआरएमएस का मुख्य मुद्दा है रेलवे कर्मचारियों के लिए ओपीएस या पुरानी पेंशन की बहाली कराना। जबकि दोनों मान्यता प्राप्त यूनियनें कर्मचारियों की समस्याओं को ताक पर रखकर अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है।

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