
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। उच्चतम न्यायालय के निर्देश से नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों के समर्थन में झाड़ग्राम शहर में भी जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में छात्र, युवा, सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। जुलूस से आंदोलनरत शिक्षकों पर पुलिस आक्रमण का कड़ा विरोध किया गया।
झाड़ग्राम कोर्ट रोड से शुरू हुआ जुलूस पांच माथा मोड़ होते हुए स्टेट बैंक के पास पहुंच पथसभा में तब्दील हो गई। सभा की अध्यक्षता शिक्षक संगठन एबीपीटीए के जिला अध्यक्ष गौतम बेज ने की। सभा को छात्र संगठन एसएफआई के जिला अध्यक्ष रजत घोष, युवा संगठन डीवाईएफआई के जिला अध्यक्ष सुकुमार बारिक और एबीटीए के जिला सचिव गुरुपद नंदी ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने शिक्षकों के साथ चल रहे घटनाक्रम की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। न्याय न मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने शिक्षक आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए अत्याचार का विरोध और कानूनी रूप से योग्य शिक्षकों व शिक्षाकर्मियों को नौकरी में बनाए रखने की मांग की गई।
आम जनता के लिए शिक्षा व्यवस्था की सुरक्षा की मांग तथा शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार में शामिल मंत्रियों, नेताओं व नौकरशाहों को सजा देने की मांग भी की गई। जुलूस और सभा की मांगें यह थी कि पात्र और अपात्र की पहचान करने की व्यवस्था की जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि पात्र लोगों को उनकी नौकरियों में रखा जाए।
मूल ओएमआर शीट की प्रति प्रकाशित कर उसे सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत कर पात्र अभ्यर्थियों का नियोजन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। शिक्षक आंदोलन के दौरान पुलिस अत्याचार के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों एवं अधिकारियों को दंडित करने की व्यवस्था की जाए।
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