नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी में नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी अभियान पर गुरुवार को अगले दो सप्ताह के लिए रोक जारी रखने का आदेश दिया।न्यायमूर्ति एल. एन. राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की खंडपीठ ने अतिक्रमण विरोधी अभियान पर कल लगाई गई रोक पर ‘यथास्थिति’ बरकरार रखने का आदेश पारित किया। इसके साथ ही पीठ ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर जहांगीरपुरी अतिक्रमण विरोधी अभियान की तरह कई अन्य राज्यों की कार्रवाइयों के मामले में केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।

उसने शीर्ष अदालत के कल के आदेश पर तत्काल अमल नहीं करने पर नाराजगी व्यक्त की।मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने कल वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि अदालती रोक के बावजूद अतिक्रमण हटाने का काम घंटों चलता रहा।मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता वृंदा करात की ओर से इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया।

सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण की समस्या देश भर में है लेकिन इस मामले को सिर्फ मुस्लिम समुदाय से जोड़कर कार्रवाई की जा रही है। दवे ने विभिन्न कानूनों का हवाला देते हुए पीठ के समक्ष कहा कि बिना नोटिस के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करके कानून की धज्जियां उड़ाई गई। गौरतलब है कि जहांगीरपुरी क्षेत्र ने 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर आयोजित शोभायात्रा के दौरान दो गुटों के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं।

इसके मद्देनजर इलाके में तनाव को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। तनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान बुधवार सुबह शुरू कर दिया था। बाद में अदालत के आदेश पर अमल करते हुए अतिक्रमण हटाने के अभियान पर रोक लगाई।

Shrestha Sharad Samman Awards

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

fifteen + eleven =