
विनय सिंह बैस, नई दिल्ली। खेलों की दुनिया में फिटनेस और चुस्ती को सफलता की कुंजी माना जाता है। आमतौर पर एक खिलाड़ी के लिए मोटापा हानिकारक समझा जाता है। लेकिन कुछ खेल ऐसे हैं जहाँ भारी शरीर या मोटापा बाधा नहीं बल्कि एक वरदान बन जाता है। उदाहरण के लिए सूमो कुश्ती, भारोत्तोलन, शॉट पुट और डिस्कस थ्रो यहां तक कि रग्बी और फूटबॉल में भी कुछ पोजीशन्स पर, डिफेंसिव लाइन में खेलने वाले खिलाड़ियों का भारी शरीर वरदान बन जाता है।
क्रिकेट में भी अन्य खेलों की तरह फिटनेस का महत्व जरूर है, लेकिन कई ऐसे खिलाड़ी भी हुए हैं जो भारी शरीर के बावजूद शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं। मोटे होने के बावजूद इंजमाम-उल-हक (पाकिस्तान), अर्जुन रणतुंगा (श्रीलंका), रकीम कॉर्नवाल (वेस्टइंडीज), ड्वेन लेवरॉक (बरमुडा), वारविक आर्मस्ट्रॉन्ग, डेविड बून (ऑस्ट्रेलिया) जैसे खिलाड़ियों ने इस खेल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
इन खिलाड़ियों ने यह साबित किया कि क्रिकेट में सिर्फ पतला होना सफलता की गारंटी नहीं। सही तकनीक, खेल की समझ और मेहनत से भारी शरीर वाले खिलाड़ी भी इतिहास रच सकते हैं।
रोहित शर्मा की बात करें तो सफेद गेंद क्रिकेट में सबसे बेहतरीन कप्तानों में से उन्हें एक माना जाता है। उन्होंने न केवल टीम को एकजुट रखा बल्कि रणनीतिक रूप से शानदार फैसले लेकर भारत को आईसीसी के चार अलग-अलग टूर्नामेंट्स के फाइनल में पहुंचाया जो कि एक विश्व रिकॉर्ड है।
एक बैट्समैन के रूप में उनकी तकनीक और टाइमिंग कमाल की है। हिटमैन को आज की तारीख में वनडे और टी20 क्रिकेट में सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाजों में गिना जाता है। रोहित शर्मा के नाम एक दिवसीय क्रिकेट की एक ही पारी में 264 रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। इस फॉर्मेट में उन्होंने 3 दोहरे शतक लगाने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है। पुरुष वनडे क्रिकेट में अब तक कुल 10 दोहरे शतक लगे हैं, जिनमें से तीन ‘हिटमैन’ ने लगाए हैं।
अन्य किसी खिलाड़ी ने एक से अधिक दोहरा शतक नहीं बनाया है। एक वनडे पारी में सर्वाधिक 55 चौकों का विश्व रिकॉर्ड भी हिटमैन के पास है। 2019 वनडे वर्ल्ड कप में रोहित ने 9 मैचों में पांच शतकों की मदद से 648 रन बनाए थे, यह भी विश्व रिकॉर्ड है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वाधिक 597 छक्के लगाने का विश्व रिकॉर्ड भी रोहित के नाम है। रोहित की फुर्ती, शॉट खेलने की क्षमता और लंबी पारियां खेलने की ताकत दिखाती है कि वे हेल्दी होने के बावजूद शरीर से पूरी तरह फिट और दिमाग से हिट हैं।
इसलिए कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद का गैर-जिम्मेदाराना बयान उनकी खेल और खिलाड़ी के प्रति नासमझी, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और स्त्री होने का बेजा लाभ उठाना, बॉडीशेमिंग और शायद अपने प्रिय देश की भारत के हाथों मिली करारी हार से उपजी व्यक्तिगत कुंठा है जिसका तथ्यों और सच से कोई सरोकार नहीं है।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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