कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में मध्य एशिया एवं भारत के सम्बन्धों पर अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार

कोलकाता । कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज में भारत एवं मध्य एशिया के सम्बन्धों पर एक दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा आयोजित इस वेबिनार में भारत के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्ध के सन्दर्भ में मध्य एशिया एवं ऐतिहासिक कालखंड की चर्चा की गयी। वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कलकत्ता गर्ल्स कॉलेज की प्राचार्या एवं सचिव डॉ. सत्या उपाध्याय ने कहा कि किसी भी देश में मनुष्य की प्रवृत्ति एक ही होती है, बस अभिव्यक्ति का तरीका अलग होता है। साहित्य एवं संस्कृति के माध्यम से मध्य एशिया एवं भारत के सम्बन्ध मजबूत हुए हैं और अनुवाद के माध्यम से साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में निकटता आई है।

वेबिनार में उज्बेकिस्तान की ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरियेंटल स्टडीज के महात्मा गाँधी इंडोलॉजी सेंटर की निदेशक एवं दक्षिण एशियाई विभाग की अध्यक्ष प्रो. उल्फत मुखीबोवा ने दोनों देशों के सम्बन्धों की ऐतिहासिक यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दोनों ही संस्कृतियों ने एक दूसरे को प्रभावित किया है। उज्बेकी साहित्य में बीसवीं सदी के दिग्गज साहित्यकारों जैसे – मुंशी प्रेमचंद, यशपाल की रचनाएं अनूदित होकर प्रकाशित हुईं।

राजनीतिक स्तर पर भी दोनों देशों के सम्पर्क रहे हैं। भारतीय – उज्बेकी लोगों के जीवन, व्यवहार एवं आचरण में भी समानता है। इसी संस्थान के अनुवाद अध्ययन एवं अन्तरराष्ट्रीय पत्रकारिता विभाग की अध्यक्ष डॉ. नीलोफर खुजाएवा ने कहा कि हिन्दी एवं उर्दू में बहुत सी उज्बेकी रचनाओं का अनुवाद हुआ है। यह वेबिनार आभासी माध्यम पर आयोजित किया गया था। इस वेबिनार में प्रो. नन्दिनी भट्टाचार्य समेत कई अन्य शिक्षिकाओं ने विचार रखे।

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