
पाक पर रणनीति से आर्थिक, सामाजिक, अंतर्राष्ट्रीय थू थू रूपी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक व सेना के तीनों अंगों की कार्यवाही एक बेहतर विकल्प हो सकता है?
आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा- अपराधियों, समर्थकों, योजनाक़ारों के खिलाफ़ कठोर निर्यात्मक कार्रवाई की प्रतिबद्धता को क्रियान्वयन का उचित समय आया- अधिवक्ता के.एस. भावनानी
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर जिस तरह पहलगाम घटना पर भारत को समर्थन व सहानुभूति तथा आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई में साथ मिल रहा है, तो मेरा मानना है कि उसे रणनीतिक स्ट्रेटज़ेसी बनाना बेहतर विकल्प हो सकता है, जो हम वर्तमान में देख रहे हैं। पहले सिंधु जल समझौता वीजा बंद, एंट्री बंद, एयर स्पेस बंद, वाघा बॉर्डर बंद सहित कई कदमों के बाद अब दिनांक 2 मई 2025 से पाकिस्तान से आयात- निर्यात पर पाबंदी, बंदरगाहों में नो एंट्री, डाक पार्सल सेवाएं निलंबित अनेक पाबंदियो सहित कुछ और तगड़े झटके दिए गए हैं, जो सटीक रणनीति का हिस्सा हो सकता है। अर्थात पाक को अनेकों तरफ से घेर कर अंतरराष्ट्रीय समर्थन व उन्हें विश्वास में लेकर फिर सर्जिकल स्ट्राइक, तीनों अंगों की कार्रवाई से पाक को पटकनी देना अधिक बेहतर होगा। भारत में बड़े बुजुर्गों का भी कहना है पतंग को आसमान में काटना है तो धागे मजे को पहले डील दो फिर टाइट कर खींचे तो पेच लड़ाने वाले की पतंग झट से कट जाएगी। बड़े बुजुर्गों की एक और बात याद आती है कि दुश्मन को सटीक पूरी तरह जमींदोज करना है तो पहले उसकी जड़े काटो फिर उसे धराशाई करने में समय नहीं लगेगा। ठीक वैसे ही रणनीति भारत की चल रही है।
मेरा मानना है कि इस बीच भारत की संभावित रणनीति के अनुसार अपराध को अंजाम देने में अपराधियों के समर्थकों, योजनाकारों, आकाओं के खिलाफ भी रणनीति बनाकर उन्हें बिल से बाहर निकालने की कोशिश में है। चूँकि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, अपराधियों समर्थकों योजनाकारों के खिलाफ कड़ी व निर्णयात्मक कार्रवाई की प्रतिबद्धता को क्रियान्वयन करने का उचित असम आ गया है तथा पाक पर राजनीति से आर्थिक, सामाजिक, अर्थव्यवस्था पर हमला, अंतरराष्ट्रीय थू थू रूपी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक सेना के तीनों अंगों की कार्रवाई एक बेहतर विकल्प हो सकता है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे। भारत ने पाकिस्तान पर आर्थिक घेराबंदी कर तगड़ा झटका दिया, भारत आयात निर्यात पाबंदी, बंदरगाहों में नो एंट्री, डाक पार्सल सेवाएं निलंबित।
साथियों बात अगर हम भारत द्वारा पाक को तगड़ा आर्थिक झटका देने की करें तो, वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के डायरेक्ट या इनडायरेक्ट आयात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है, विदेश व्यापार नीति 2023 में इस संबंध में एक प्रावधान जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान से आने वाले या निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों के डायरेक्ट या इनडायरेक्ट आयात पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। यह 2 मई की अधिसूचना में जानकारी दी गई है, जो भारत ने पाकिस्तान को एक और तगड़ा झटका दिया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया है, भारत ने जैसे ही सिंधु जल संधि रद्द किया तो पहले उनके नेताओं ने जमकर गीदड़ भभकी दी, मगर बात नहीं बनी तो पश्चिमी देशों के शरण में पहुंचे और फिर भी बात नहीं बनी तो यूएन में इसका मुद्दा उठाया है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत ने इसे वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए खतरा बताया है, साथ ही उन्होंने भारत के खिलाफ गीदड़ भभकी भी दी, पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को हर तरफ से घेरने की तैयारी चल रही है, न केवल अटैक से बल्कि कूटनीति से भी पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करने की तैयारी चल रहा है, इसी क्रम में विदेश मंत्री ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ के अपने समकक्ष से बात की, उन्होंने पहलगाम पाकिस्तानी आतंकियों की हिंदुओं के खिलाफ बर्बरता की जानकारी दी, यूरोपीय संघ ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद से “संयम” दिखाने की बात कही।
साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई के बारे में अटकलों के बीच तनाव को कम करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने पर जोर दिया। यूरोपिय संघ की प्रतिक्रिया अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा दोनों देशों से पहलगाम आतंकी हमले को लेकर तनाव कम करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह करने के दो दिन बाद आया है। बता दें बंदरगाह पर पाकिस्तानी जहाजों को भी किया बैन वहीं एक और आदेश में मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 की धारा 411 के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भारत सरकार के शिपिंग महानिदेशालय ने पाकिस्तान के झंडे वाले जहाजों को किसी भी भारतीय बंदरगाह पर जाने से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है, इसके साथ ही, भारतीय झंडे वाले जहाजों को पाकिस्तान के किसी भी बंदरगाह पर जाने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय हित में और भारतीय समुद्री संपत्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए जारी यह निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और अगली सूचना तक लागू रहेगा, इस आदेश का उद्देश्य मौजूदा भू-राजनीतिक परिस्थितियों के बीच समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान से अब कोई भी चिट्ठी भारत नहीं आ पाएगी, सरकार ने पाक पर एक और वार किया है, जिसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है, भारत सरकार ने पाकिस्तान से आने वाली सभी श्रेणियों की इनबाउंड डाक और पार्सल सेवाओं को फिलहाल के लिए निलंबित करने का बड़ा फैसला लिया है, ये निलंबन हवाई और जमीनी दोनों मार्गों से लागू होगा। यानी अब पाकिस्तान से कोई भी चिट्ठी, पार्सल या कोरियर भारत नहीं भेजा जा सकेगा चाहे वो एयर रूट हो या सरफेस रूट से हो।
साथियों बात अगर हम भारत- पाकिस्तान द्वारा आपस में आयात निर्यात व्यवहार को समझने की करें तो, भारत से क्या-क्या चीजें जाती थीं पाकिस्तान? दोनों देशों के बीच व्यापार प्रतिबंध होने से पहले भारत मुख्य रूप से कपास, केमिकल, फूड प्रोडक्ट्स, दवाइयां और मसाले निर्यात करता था,इसके अलावा, चाय, कॉफी, रंग, प्याज, टमाटर, लोहा, इस्पात, चीनी, नमक और ऑटो पार्ट्स जैसी चीजें भी तीसरे देशों के माध्यम से भेजता था, पाकिस्तान से भारत क्या आता था? पहले सीमेंट, जिप्सम फल, तांबा,और नमक जैसे उत्पाद आयात होते थे, पाकिस्तान क्या भेजता है भारत? भारत पाकिस्तान से कई चीजें आयात करता है। इसमें ड्राई फ्रूट्स, तरबूज और अन्य फल, सीमेंट, सेंधा नमक, पत्थर, चूना, मुल्तानी मिट्टी, चश्मों का ऑप्टिकल्स, कॉटन, स्टील, कार्बनिक केमिकल्स, चमड़े का सामान आदि शामिल हैं।
पाकिस्तान से आयात बैन होने के कारण अब वहां से न तो ड्राई फ्रूट्स आएंगे और न सेंधा नमक। भारत में सेंधा नमक का इस्तेमाल व्रत के समय काफी मात्रा में किया जाता है। लेकिन 2019 के बाद आयात लगभग शून्य हो गया, 2024 में पाकिस्तान से भारत का आयात मात्र 48 लाख डॉलर रहा, यह सिर्फ जरूरी चीजें जैसे सेंधा नमक और मुल्तानी मिट्टी ही मंगाता था, अब यह भी पूरी तरह से बंद हो जाएगा भारत- पाकिस्तान के बीच डायरेक्ट ट्रेड पुलवामा अटैक से पहले 2008 -2018 के बीच जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पार लगभग 7,500 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था, जिससे 1.7 लाख दिनों और 66.4 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जनरेट हुए।
हालांकि, 2019 में भारत ने इस मार्ग को भी बंद कर दिया, क्योंकि खुफिया रिपोर्टों में अवैध हथियार, जाली नोट और नशीले चीजों की तस्करी की आशंका जताई गई थी। साल 2024 में इनडायरेक्ट ट्रेड 2024 में दोनों देशों के बीच इनडायरेक्ट ट्रेड 1.21 अरब डॉलर (लगभग 10,000 करोड़ रुपये) से अधिक रहा, जो 2018 के 2.35 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर से कम है। भारत का एक्सपोर्ट ज्यादा रहा है, जबकि पाकिस्तान से आयात ना के बराबर है। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पर पूरी तरह बैन लग गया है। दोनों देश अब एक-दूसरे के साथ किसी भी तरह का व्यापार नहीं होगा।
साथियों बात अगर हम पहलगाम मुद्दे पर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मुलाकातों के अपडेट ही करें तो भारत-पाकिस्तान में जारी तनाव को लेकर विदेश मंत्री ने शनिवार को अपने रूसी समकक्ष से बात की दोनों नेताओं ने रूस-भारत सहयोग के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा की। 22 अप्रैल को जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों में जंग की नौबत आ गई है। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन इस्लामाबाद ने साफ इनकार कर दिया और इस संबंध में भारत से सबूत मांगे हैं।
जर्मनी के म्यूनिख में पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया गया, भारतीय समुदाय के विरोध प्रदर्शन में जर्मन सांसद और म्यूनिख सिटी काउंसलर ने भी आतंकवाद के खिलाफ हिस्सा लिया। इस विरोध प्रदर्शन में करीब 700 लोग शामिल हुए। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री ने शनिवार को नई दिल्ली मे पीएम से मुलाकात की तथा पिछले हफ्ते पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले समेत विभिन्न मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की। प्रेस में यह जानकारी आई। उन्होंने बताया कि पीएम के आवास पर दोनों नेताओं के बीच यह बैठक करीब आधे घंटे चली। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला होने के बाद से यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।

अतः अगर हम उपयोग पूरे विवरण का अध्ययन करें इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक घेराबंदी कर तगड़ा झटका दिया- आयात निर्यात पाबंदी, बंदरगाहों में नो एंट्री डाक पार्सल सेवाएं निलंबित। पाक पर रणनीति से आर्थिक, सामाजिक, अंतर्राष्ट्रीय थू थू रूपी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक व सेना के तीनों अंगों की कार्यवाही एक बेहतर विकल्प हो सकता है?आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा- अपराधियों, समर्थकों, योजनाक़ारों के खिलाफ कठोर निर्णयात्मक कार्रवाई की प्रतिबद्धता को क्रियान्वयन का उचित समय आया।
(स्पष्टीकरण : उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। यह जरूरी नहीं है कि कोलकाता हिंदी न्यूज डॉट कॉम इससे सहमत हो। इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है।)
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