लंदन/नयी दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से कीव में मुलाकात के कुछ दिनों बाद ‘एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और स अनिश्चित समय में ब्रिटेन के एक अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक भागीदार’ के साथ संबंधों को बेहतर बनाने के लिए भारत यात्रा पर आ रहे हैं। ब्रितानी प्रधानमंत्री के कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट ने एक बयान में कहा, “वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और निरंकुश देशों से खतरों की स्थिति में एक प्रमुख साथी लोकतंत्र के साथ शांति एवं समृद्धि के लिए हमारी दीर्घकालिक साझेदारी को और गहरा करने के वास्ते प्रधानमंत्री जॉनसन इस सप्ताह भारत का दौरा करेंगे।”

प्रधानमंत्री जॉनसन 21 अप्रैल को अहमदाबाद से अपनी भारत यात्रा की शुरुआत करेंगे, जहां वह प्रमुख व्यवसाइयों से मिलकर प्रमुख उद्योगों में बड़े निवेश की घोषणा कर सकते हैं। यह पहली बार होगा जब ब्रिटेन का कोई प्रधानमंत्री भारत के पांचवे सबसे बड़े राज्य और आधे से ज्यादा ब्रिटिश-भारतीयों के घर गुजरात का दौरा करेगा। वह इस यात्रा में इस साल शुरू हुई मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता में प्रगति को आगे बढ़ाएंगे। भारत के साथ एक समझौता 2035 तक हमारे कुल व्यापार को सालाना 28 अरब पाउंड तक बढ़ा सकता है, जिससे पूरे ब्रिटेन में आय में तीन अरब पाउंड तक की वृद्धि होगी।

जॉनसन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए नयी दिल्ली की यात्रा करेंगे, जहां दोनों नेता द्विपक्षीय सामरिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर गहन बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री जॉनसन ने एक बयान में कहा, “ऐसे समय में जब निरंकुश देश हमारी शांति और समृद्धि के लिए खतरा बने हुए हैं, यह महत्वपूर्ण है कि लोकतांत्रिक और मित्र देश एकजुट होकर रहें। एक प्रमुख आर्थिक शक्ति और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत इस अनिश्चित समय में ब्रिटेन के लिए एक अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक भागीदार है।”

उन्होंने कहा, “मेरी भारत यात्रा के दौरान रोजगार सृजन और आर्थिक विकास से लेकर ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा तक उन सभी मुद्दों पर काम किया जायेगा, जो दोनों देशों के लोगों के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।”
पिछले साल, दोनों प्रधानमंत्रियों ने ब्रिटेन-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर सहमति व्यक्त की थी, जिसमें ब्रिटेन में 53 करोड़ पाउंड से अधिक के निवेश की घोषणा की गई तथा व्यापार, स्वास्थ्य, जलवायु, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध प्रगाढ़ बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। भारतीय कंपनियों की ओर से किये गये निवेश से पहले से ही ब्रिटेन में 95,000 नौकरियों का समर्थन होता है, जिसे आगामी घोषणाओं और भविष्य के मुक्त व्यापार सौदे से बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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