मुर्शिदाबाद। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में पुलिस ने दो अलग-अलग ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार निर्माण के गोरखधंधे और नकली नोटों की तस्करी का भंडाफोड़ किया है। इन छापों में न केवल हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं, बल्कि वह उपकरण भी जब्त किए गए हैं जो किसी संगठित फैक्ट्री के अस्तित्व की ओर इशारा करते हैं।
घटनाएं डोमकल और जलंगी थाना क्षेत्र की हैं, जो भारत-बांग्लादेश सीमा के बेहद करीब पड़ते हैं। यही कारण है कि इस पूरे मामले को अब अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा और तस्करी की दृष्टि से भी गंभीरता से देखा जा रहा है। पहली घटना डोमकल थाना क्षेत्र की है, जहां देर रात पुलिस को गुप्त सूत्रों से मिली एक अहम सूचना के आधार पर कार्रवाई करनी पड़ी।
डोमकल थाना पुलिस और स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) की संयुक्त टीम ने गोरईमारी गांव के एक मकान पर छापेमारी की। उस घर की तलाशी के दौरान पुलिस के हाथ ऐसी सामग्री लगी, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
पुलिस को एक पूरी राइफल, तीन राउंड गोलियां, एक तैयार पाइप गन, एक अधूरी बारह पीस वाली बंदूक, चार और नौ राउंड की गोलियां तथा एक कारतूस बरामद हुआ। इन आग्नेयास्त्रों के अलावा वहां मौजूद सामग्री और उपकरणों ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह कोई साधारण मामला नहीं था।

जांच में सामने आया कि मौके से बरामद औजारों में दो हाइड्रोलिक पाइप, पांच सामान्य लोहे के पाइप, एक ड्रिल मशीन, एक कटिंग मशीन, एक एयर ब्लोअर, एक डाई, दो मेटल शीट और धातु का एक बड़ा टुकड़ा शामिल है।
ये सभी चीजें अवैध हथियार निर्माण में प्रयुक्त होती हैं और इस बात की पुष्टि करती हैं कि मकान को एक गुप्त फैक्ट्री में तब्दील किया गया था। छापेमारी के दौरान पुलिस को ₹40,000 के नकली भारतीय नोट भी बरामद हुए, जो इस पूरे रैकेट में आर्थिक अपराध की परत भी जोड़ते हैं।
मौके से गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान सिराज मंडल के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में वह पुलिस को स्पष्ट जानकारी देने से बचता रहा, लेकिन पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वह इस गिरोह का अहम सदस्य है और लंबे समय से हथियारों के निर्माण तथा नकली नोटों के वितरण जैसे अपराधों में सक्रिय था।
उसे जिला अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे पुलिस रिमांड पर भेजे जाने की संभावना है ताकि मामले की गहराई से जांच की जा सके।
डोमकल की घटना के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने जलंगी थाना क्षेत्र में भी एक और सनसनीखेज गिरफ्तारी की। जलंगी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि घोषपाड़ा बस स्टैंड के पास एक युवक संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है।
सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वहां से एक युवक को हिरासत में लिया। तलाशी लेने पर उसके पास से एक आग्नेयास्त्र, दो खाली मैगजीन और दो जिंदा गोलियां बरामद हुईं। युवक का नाम बिप्लब विश्वास बताया गया है, जो जलंगी थाना क्षेत्र का ही निवासी है।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वह सीमा क्षेत्र में हथियार लेकर किस उद्देश्य से घूम रहा था।
चूंकि यह इलाका भारत-बांग्लादेश सीमा के नजदीक है, इसलिए संदेह जताया जा रहा है कि उसका संबंध किसी सीमा पार तस्करी या आपराधिक नेटवर्क से हो सकता है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों मामलों की जांच एक-दूसरे से जोड़े जाने की कोशिश भी की जा रही है क्योंकि दोनों में कई समानताएं सामने आई हैं—जैसे कि हथियारों की गुणवत्ता, उनके प्रकार और पकड़ने के तरीके।
मुर्शिदाबाद जिला पुलिस प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस समय इलाके में सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि बरामद हथियार और नकली नोटों की जांच विशेषज्ञों से कराई जाएगी और आवश्यकता पड़ी तो इसे फॉरेंसिक लैब भी भेजा जाएगा।
साथ ही केंद्र सरकार को भी इस पूरी कार्रवाई की जानकारी भेजी गई है। यदि जांच में यह बात सामने आती है कि इन मामलों का संबंध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे किसी नेटवर्क से है, तो राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा केस की कमान संभाले जाने की भी संभावना बन सकती है।
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई के बाद राहत तो है, लेकिन चिंता भी कम नहीं। गोरईमारी और जलंगी के निवासी अब पुलिस गश्त और निगरानी बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने आशंका जताई है कि ऐसे अवैध कारखाने और गिरोह कहीं और भी सक्रिय हो सकते हैं, जो मासूम युवाओं को पैसे का लालच देकर अपराध की ओर धकेलते हैं।
साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि इन सारी गतिविधियों की भनक स्थानीय प्रशासन को पहले क्यों नहीं लगी। इन गिरफ्तारियों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि सीमावर्ती क्षेत्र केवल तस्करी या घुसपैठ की चुनौती नहीं झेल रहे हैं, बल्कि संगठित अपराध का नया अड्डा भी बनते जा रहे हैं।
जब हथियार बनाना और उनका कारोबार करना इतनी गुप्त तरीके से चल सकता है, तो यह समझना जरूरी हो जाता है कि इनसे न केवल स्थानीय कानून-व्यवस्था को खतरा है बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को भी गंभीर चुनौती दी जा रही है।
इस पूरे घटनाक्रम की आगामी जांच पर अब सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। उम्मीद की जा रही है कि पुलिस, खुफिया एजेंसियां और सीमा सुरक्षा बल मिलकर इस नेटवर्क की जड़ तक पहुंचेंगे और अवैध गतिविधियों में शामिल सभी लोगों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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