राखी गंगवार, कोलकाता। बारिश का मौसम गर्मी से राहत दिलाता है लेकिन स्किन की कई समस्याएं सौगात में भी लाता है। बारिश के मौसम में उमस बढ़ने से बॉडी में कई तरह की परेशानियां होने लगती है। इस मौसम में महिलाओं को पीरियड के दौरान ज्यादा परेशानी होती है। हर महीने होने वाले मासिक चक्र के दौरान सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करने से बरसात में स्किन पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ने लगता है।
इस मौसम में महिलाओं को वजाइनल इंफेक्शन जैसे यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन, प्रजन्न पथ का संक्रमण और विभिन्न प्रकार के यीस्ट संक्रमणों के बढ़ते का जोखिम बढ़ जाता है। इस दौरान अगर सही हाइजीन को फॉलो नहीं करें तो कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। बारिश के मौसम में वजाइना को साफ और सूखा रखने के लिए अतिरिक्त सावधानियां बरतना जरूरी हैं।
बारिश का मौसम गर्मी से राहत दिलाता है लेकिन स्किन की कई समस्याएं भी अपने साथ ले आता है। इस मौसम में महिलाओं को पीरियड के दौरान ज्यादा सम्मस्याओं का सामना करना पड़ता है।
- सैनिटरी पैड के इस्तेमाल से इन्फेक्शन का खतरा
- वजाइनल इन्फेक्शन का खतरा
- प्रजनन पथ पर संक्रमण का खतरा
- यीस्ट संक्रमणों के बढ़ने का जोखिम
- यूरिनरी ट्रेक इन्फेक्शन का खतरा
इस दौरान सही हाइजीन को फॉलो न करने से महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे बचने के लिए कुछ उपयोगी सुझाव दिए गये हैं :-
- पीरियड के दौरान वजाइना को अच्छे से साफ करें।
- वजाइना को साफ पानी और साबुन से वॉश करें।
- जितना हो सके वजाइना को सूखा रखने की कोशिश करें।
- पीरियड के दौरान स्किनी जींस, टाइट शार्ट्स और पैंटी पहनने से बचे।
- इस दौरान कॉटन की पैंटी का इस्तेमाल करें।
- हर चार घंटे में सौनिटरी पैड बदलें।
- प्राइवेट पार्ट को हल्के गर्म पानी से साफ करें।
- इन्फेक्शन होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
अतिरिक्त नमी को दूर करने के लिए आप टिशू पेपर का इस्तेमाल कर सकती हैं। वजाइना के सूखने के बाद पैड का इस्तेमाल करें। इससे इन्फेक्शन होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
मानसून के दौरान नमी में बढ़ोतरी होने से वजाइना में पीएच स्तर कम हो जाता है, जिससे महिलाओं को वजाइनल इंफेक्शन, विशेष रूप से फंगस के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। इस मौसम स्किनी जींस, टाइट शॉर्ट्स या पैंटी पहनने से सामान्य रूप से बचना चाहिए। टाइट कपड़ों के साथ नमी के कारण पसीना ज्यादा आ सकता है।
तंग कपड़ों और नमी का यह संयोजन चकत्ते, वजाइना में संक्रमण और यूरिनरी ट्रेक इंफेक्शन का कारण बन सकता है। क्योंकि वजाइना के आसपास के क्षेत्र में हवा का प्रवाह कम हो जाता है। इस मौसम में कॉटन की पैंटी पहनना फायदेमंद होता है जो आरामदायक भी है। मानसून के दौरान वजाइनल संक्रमण से बचना चाहते हैं तो हर चार घंटे में सैनिटरी पैड को बदलना चाहिए। वजाइना को सूखा रखें।
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