कोलकाता | 23 अक्टूबर 2025 : पश्चिम बंगाल में हुगली नदी पर एक नया ब्रिज बनाने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो वाराणसी से कोलकाता तक बन रहे 4-लेन एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा।
यह ब्रिज हावड़ा जिले के बागनान को दक्षिण 24 परगना के पुजाली से जोड़ेगा, जिससे उत्तर प्रदेश और बंगाल के बीच सीधी सड़क कनेक्टिविटी संभव हो सकेगी।
🌉 कोलकाता को मिलेगा चौथा मेजर ब्रिज
- वर्तमान में कोलकाता में तीन प्रमुख ब्रिज हैं:
- हावड़ा ब्रिज (रवींद्र सेतु) — स्वतंत्रता से पहले बना
- विद्यासागर सेतु — NH-2 (बॉम्बे रोड) से जोड़ता है
- निवेदिता सेतु — NH-2 (दिल्ली रोड) से जोड़ता है
- नया ब्रिज चौथा बड़ा क्रॉसिंग होगा, जो बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करेगा
नया ब्रिज तैयार होने के बाद हावड़ा के बागनान इलाके को दक्षिण 24 परगना जिले के पुजाली से जोड़ा जा सकेगा। नया एक्सप्रेसवे 4 लेन का बनाया जा रहा है, जिससे दोनों राज्यों के बीच का सफर काफी आसान हो जाएगा।

🚧 एक्सप्रेसवे से क्या होंगे फायदे?
- 620 किलोमीटर लंबा वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे 2028 तक पूरा होने की संभावना
- वर्तमान 14 घंटे का सफर घटकर 6 घंटे रह जाएगा
- ग्रैंड ट्रंक रोड पर ट्रैफिक कम होगा, जिससे दिल्ली–कोलकाता कॉरिडोर को राहत मिलेगी
- बंगाल के औद्योगिक और बंदरगाही क्षेत्रों को उत्तर भारत से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी
अधिकारियों के अनुसार, प्रस्तावित ब्रिज हुगली नदी पर बनने वाला चौथा पुल होगा। अभी तक कोलकाता में तीन पुल हुगली नदी पर बनाए जा चुके हैं। इसमें आजादी के पहले बना हावड़ा ब्रिज, विद्यासागर सेतु और निवेदिता सेतु प्रमुख हैं।
पीडब्ल्यूडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले योजना थी कि वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे को पुरुलिया जिले की ओर से बागनान तक बॉम्बे रोड से जोड़ा जाए लेकिन, अब इस योजना में बदलाव किया जा रहा है और हुगली नदी पर एक और पुल बनाकर इस एक्सप्रेसवे को पुजाली के रास्ते जोड़ा जाए।
🏗️ निर्माण की स्थिति
- राज्य PWD और केंद्र सरकार के बीच समन्वय से परियोजना को मंजूरी
- ब्रिज का फाइनल अलाइनमेंट तय किया जा रहा है
- स्थानीय प्रशासन और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर काम जारी
पिछले दिनों संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि पुरुलिया, बांकुरा और हावड़ा जिले में जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट में देरी की वजह राज्य सरकार की ओर से अपने फैसलों में देरी और प्रोजेक्ट में बदलाव करना रहा है।
यह एक्सप्रेसवे यूपी, बिहार और झारखंड को पार करते हुए पश्चिम बंगाल में एंट्री करेगा, लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत पश्चिम बंगाल में भूमि अधिग्रहण को लेकर आई है। हालांकि, इसकी डीपीआर पहले ही बनाकर राज्य सरकार को सौंपी जा चुकी थी।
🌉 ब्रिज और कनेक्टिविटी
- हुगली नदी पर नया ब्रिज प्रस्तावित है, जो बागनान को पुजाली से जोड़ेगा
- यह ब्रिज एक्सप्रेसवे का हिस्सा होगा और कोलकाता के ट्रैफिक को डायवर्ट करने में मददगार साबित होगा
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी
पूर्वी भारत को मिलेगा हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का तोहफा
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, 620 किलोमीटर लंबा वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे मार्च 2028 तक बनकर तैयार हो सकता है। इस प्रोजेक्ट पर 35,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसके पूरा होने के बाद वाराणसी से कोलकाता तक का सफर 14 घंटे से घटकर सिर्फ 6 घंटे रह जाएगा।
📍 प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएँ
- 4-लेन हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे, भविष्य में 6 लेन तक विस्तार योग्य
- दिल्ली–कोलकाता कॉरिडोर को भी सीधे जोड़ेगा
- GT रोड पर ट्रैफिक दबाव कम होगा
- बंगाल के औद्योगिक और बंदरगाही क्षेत्रों को उत्तर भारत से बेहतर संपर्क मिलेगा
- पर्यटन, व्यापार और लॉजिस्टिक्स को मिलेगा नया आयाम
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