Gyanvapi Masjid Survey: डीएम और कमिश्नर की मौजूदगी में ज्ञानवापी परिसर में पहले दिन का सर्वे पूरा

वाराणसी। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर और श्रृंगार गौरी को लेकर लंबी कानूनी बहस और आपत्तियों के बीच वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर शनिवार को सर्वे का काम फिर शुरू हो गया है। पहले दिन सर्वे का काम पूरी तरह से शांतिपूर्वंक संपन्न हो गया। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के मुताबिक, अबतक ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में 50 फीसदी से अधिक का सर्वे हो चुका है। 17 मई को अदालत में इस मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है। पिछली बार हुए हंगामे को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने मंदिर के प्रवेश द्वार से काफी पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर आवाजाही पर रोक लगा दी थी।

एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कोर्ट से खारिज होने के बाद सर्वे के पहले दिन एडवोकेट कमिश्नर ने मस्जिद के तहखाने में चार कमरों और पश्चिमी दीवार का सर्वे किया। सर्वे के दौरान एडवोकेट के सहायक, वादी और प्रतिवादी के साथ ही दोनों पक्षों के वकील भी मौजूद थे। सर्वे के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने वीडियो बयान जारी कर कहा है कि सर्वे के दौरान सभी पक्षों के प्रतिनिधि मौजूद थे। वादी और प्रतिवादी के साथ ही राज्य सरकार की ओर से जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर, विश्वनाथ मंदिर न्यास के प्रतिनिधि भी सर्वे के दौरान मौजूद रहे।

उन्होंने कहा कि ये जानकारी नहीं दी जा सकती है कि किन-किन स्थानों का सर्वे हुआ और वहां क्या-क्या मिला। जिलाधिकारी ने ये भी कहा कि कोर्ट के निर्देश पर कमीशन की कार्यवाही 15 मई को फिर से सुबह 8 बजे से की जाएगी। इससे पहले सर्वे के लिए मस्जिद परिसर में दाखिल हुए सभी लोगों के मोबाइल फोन पहले ही जमा करा लिए गए थे। ज्ञानवापी मस्जिद में पहुंचते ही एडवोकेट कमिश्नर ने तहखाने का सर्वेक्षण शुरू कर दिया। यदि कल कार्य पूरा हो जाता है तो ठीक नहीं तो सोमवार को भी कमिशन की कार्यवाही पूरी की जाएगी। ज्ञानवापी परिसर में क्या-क्या मिला यह तो अदालत में पेश रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।

जानकारी के मुताबिक सर्वे टीम ने पश्चिमी दीवार का भी सर्वे किया। तहखाने के सर्वे के बाद पहले वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश बाहर आए और अपनी कार में सवार होकर रवाना हो गए। इसके बाद एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा और अन्य वकील, वादी-प्रतिवादी पक्ष के लोग निकले।

हिंदू पक्ष के पास तहखाने का जो कमरा है, उसमें दरवाजा नहीं है। हिंदू पक्ष के पास जो कमरा है, उसे खोलने के लिए चाबी की जरूरत ही नहीं पड़ी। प्रशासन की बैठक में तहखाने में सांप होने की आशंका जताते हुए सपेरों को बुलाने की मांग की गई थी। प्रशासन ने तब कहा था कि वहां सीआरपीएफ का कैंप पहले से ही है, ऐसे में इसकी कोई जरूरत नहीं है।

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