मकर संक्रांति की पावन बेला में गंगासागर मेला बना मिनी भारतवर्ष

कोलकाता। मकर संक्रांति की पावन तिथि पर रविवार सुबह गंगा व सागर के संगम स्थल गंगासागर में लाखों तीर्थ यात्रियों ने लगाई श्रद्धा की डुबकी। गंगासागर में रविवार सुबह से ही देश के विभिन्न हिस्सों से लोग मोक्ष की आशा में डुबकी लगा रहे हैं। सबका लक्ष्य सागर में डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति करना है। मकर संक्रांति शाही स्नान तिथि शनिवार शाम से शुरू हो गई है और रविवार दोपहर तक शाही योग रहेगा। गंगासागर तट पर मकर संक्रांति पर तिल रखने की जगह नहीं है। गंगासागर के स्नान घाट नंबर एक, दो, तीन.. सभी गलियों में तीर्थयात्री समुद्र में स्नान करने के लिए उमड़ रहे हैं। भीड़ के साथ निगरानी के प्रभारी कर्मियों की आवाज ऊंची होती जा रही है । उनके मुख से सिर्फ ‘आगे बढ़ो, आगे बढ़ो’ का निर्देश लगातार सुनाई दे रही है।

सूर्य उदय के पहले से ही स्नान शुरू हो चुका है। दिन चढ़ने के साथ भीड़ बढ़ रही है। भीड़ भी दोतरफा है। एक समूह समुद्र की ओर चल रहा है। एक अन्य समूह ने स्नान किया, गीले कपड़े पहने कपिल मुनि के मंदिर तक का रास्ता पकड़ लिया। कुछ लोगों के सिर में गठरी है। तो कुछ ढोल मंजीरे लेकर चल रहे हैं। भीड़ धीरे-धीरे इस हद तक बढ़ गई कि सड़क नंबर 2 के साथ मंदिर में नहाने और पूजा करने में कई घंटे लग गए। एक तरफ देश के विभिन्न हिस्सों के ग्रामीण लोग हैं, तो दूसरी तरफ शंख और झांझ लिए विदेशी तीर्थयात्री हैं।

भीड़ को संभालने के लिए गंगासागर में पुलिस और स्वयंसेवी संस्था के कार्यकर्ता सक्रिय हैं। तटरक्षक बल भी खतरे को रोकने के लिए सक्रिय है। जलमार्गों में स्पीड बोट और वाटरक्राफ्ट की लगातार निगरानी की जा रही है। हर साल की तरह मेले के अंत तक निगरानी जारी रहेगा। गंगासागर मेले को लेकर शनिवार दोपहर जिला प्रशासन की प्रेस कांफ्रेंस में पुलक राय, अरूप विश्वास, सुजीत बोस, इंद्रनील सेन जैसे राज्य मंत्री मौजूद थे। जिला प्रशासन के मुताबिक इस साल 39 लाख तीर्थयात्री समुद्र में आए हैं।

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