अमिताभ अमित की कलम से…एक मई

पटना। हम वक्त के मारे हुए दयालु लोग हैं ! कैलेंडर के पचासों दिन कमजोरों के नाम कर दिए है हमने ! इसलिए किया जाता है ऐसा ताकि उन्हें लगे कि दुनिया उन्हें भी गिनती है! मजबूत लोग खुद तारीख़ लिखते हैं! उन्हें कैलेंडर के सहारे की जरूरत नही होती! दिन होते हैं कमजोरों के! इसलिए मजदूरों के लिए भी एक तारीख तय कर दी गई है और वो 1 मई है!

मजदूर किसे कहें? मजदूर वो जो दिमाग से, शरीर से या दोनो की मदद से कोई काम करे! उसे उसकी इस मेहनत के लिए भुगतान मिले और मालिक कौन?
मालिक होता है वो जिसके पास कुछ है!
अधिपति !
जिसके पास अधिकारिता हो, संपत्ति हो और सरलता से कहें तो जो तनख़्वाह दे वो मालिक और जो ले वो मजदूर!
जो अपनी बात मनवाए वो मालिक और जो माने वो मजदूर !

एक मई ही क्यों?
वो इसलिए क्योंकि सन अठारह सौ छियासी की एक मई के दिन शिकागो में मजदूरों ने एक आंदोलन किया था माँग थी कि वो एक दिन में बस आठ घंटे काम करेंगे!
उनकी किस्मत अच्छी थी, बात मान ली गई उनकी!
तब के मालिक समझदार संजीदा रहे होंगे!

अब के मजदूर, खास कर ग़ैर सरकारी मजदूर ज्यादा दिक्कत मे है! मालिक अब हफ्ते में नब्बे घंटे काम के फरमान जारी कर रहे हैं, वो कहेंगे आप मानेंगे ! आपने मुँह खोला और निपटे! आप से ज्यादा काबिल, ज्यादा जवान आपकी जगह आधी तनख़्वाह मे काम करने के लिए लाईन लगाए खड़े है! नतीजा यह कि गैर सरकारियों की संडे-सटर्डे जैसी छुट्टियाँ खतरे मे है और वो बस नौकरी बचाए रखने और होम-लोन चुकाने के टेंशन में जी रहे हैं !

ग़ैर सरकारी छोड़िए! हर सरकारी आदमी भी मजदूर! गवर्नमेंट सर्वेंट!
हिंदी मे कहें तो हर सरकारी अफसर, सरकार का मजदूर है! ऐसा मजदूर जिसे सरकार ने ही काम करवाने के लिए दर्जनों मातहत दिए हुए है! वो काम न करे, काम करता हुए दिख जाए, यह जता भर दे कि वो काम कर रहा है, इससे भी काम चल जाता है उसका! वो मजदूर होकर भी मजबूर नही होता! वजह है भी इसकी!

अब सरकार होती है निराकार और अफसर होता है साकार! ऐसे मे वो मालिक बन बैठता है और मन की करता है! पर एक पेंच है इसमें भी ! व्यवहार में हर अफसर अपने से बड़े के लिए मजदूर है और छोटों का मालिक! ऐसे मे उसे मालिक और मजदूर का डबल रोल करना पड़ता है! बहुरूपिया होना पड़ता है! कन्फ्यूज बना रहता है वो कि एक मई सेलीब्रेट की भी जाए या नही!!

अब आप ही बताएं एक ठीकेदार को ऐसी असमंजस भरी परिस्थिति मे क्या करना चाहिए?

अमिताभ अमित – mango people

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