भुवनेश्वर। देश विदेश के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में 25 वर्षों से अधिक के अनुभवी, प्रतिष्ठित शिक्षाविद प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी ने हाल ही में बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर में कुलपति का पद संभाला है। आईआईएम कोझिकोड, आईआईएम काशीपुर और आईआईएम अमृतसर में अपनी नेतृत्वकारी भूमिकाओं से भरपूर प्रो. बलूनी अकादमिक प्रशासन, अनुसंधान और संस्थागत ब्रांड बिल्डिंग में बेजोड़ अनुभव और विशेषज्ञता रखते हैं।
बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी का नेतृत्व बिड़ला अकादमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर की अध्यक्ष जयश्री मोहता द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें भारत में उच्च शिक्षा में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स द्वारा शासित होता है, जिसमें ओडिशा के माननीय राज्यपाल कुलाधिपति के रूप में होते हैं। विश्वविद्यालय का लक्ष्य अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, शीर्ष स्तर की फैकल्टी और भविष्य के लिए तैयार पेशेवरों को पोषित करने की प्रतिबद्धता के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।
प्रोफेसर कुलभूषण बलूनी पर्यावरणीय स्थिरता, विकास नीति और सामाजिक उद्यमिता पर अपने अंतः विषय अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रो. बलूनी शैक्षणिक वर्ष 1997-1998 के दौरान आईआईएम कोझिकोड की स्थापना के समय शामिल होने वाले संस्थापक संकाय सदस्यों में से एक थे, जहां उन्होंने संस्थान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें 2014-2018 तक आईआईएम कोझिकोड का निदेशक (प्रभारी) नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने अग्रणी उद्यमिता और अनुसंधान गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके योगदान में और भी इजाफा हो गया जब वे आईआईएम अमृतसर को आगे बढ़ाने के लिए प्रथम मेंटोर डायरेक्टर बने। प्रोफेसर बलूनी ने 2019 से 2024 तक के अपने बेहतरीन कार्यकाल में आईआईएम काशीपुर के निदेशक के रूप में कार्यरत रहे, जहां उन्होंने नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने से लेकर, अनुसंधान का समर्थन करने और संस्थान की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाले अनेक सरकारी पहलों का नेतृत्व किया।
प्रोफेसर बलूनी लीड (लीडरशिप फाॅर एनवायरमेंट एंड डवलपमेंट) फेलो भी हैं। वह नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, यूनिवर्सिटी ऑफ कोपेनहेगन, उप्साला यूनिवर्सिटी और वैगनिंगेन यूनिवर्सिटी एंड रिसर्च सहित प्रतिष्ठित संस्थानों में विजिटिंग स्कॉलर रहे हैं। इन सभी वैश्विक अनुभव और अकादमिक विशेषज्ञताएं उन्हें अब बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी को अकादमिक सफलता के एक नए दौर में ले जाने में योगदान करेंगी।
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