भारत का दुनियां में फिर डंका बजा- भारत को स्वर्णिम काल विजन 2047, विकसित भारत के हर पल का लाभ उठाना समय की मांग
भारत के विजन 2047 विकसित भारत की ओर बढ़ते कदमों की सटीकता का अंदेशा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स, इंडेक्स, अनुमानों व बयानों से रेखांकित किया जा सकता है- एड. के.एस. भावनानी
एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर दुनियां के हर देश की नजरें भारत के अति तीव्र गति से हो रहे आधुनिक तकनीकी प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर क्षेत्र में विकास के बढ़ते सैलाब को रेखांकित कर रही है। हालांकि हाल ही में आई अनेक इंडेक्स, सूचकांकों में भारत की स्थिति में काफी सुधार होने की ओर चल पड़ी है, कुछ वर्षों से हम देख रहे हैं कि विश्व बैंक, इंटरनेशनल मानिटरी फंड सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थाएं भारत की हाई रैंकिंग को रेखांकित कर रही है। आज हम इस विषय पर चर्चा इसलिए बात कर रहे हैं, क्योंकि 25 सितंबर 2024 को ऑस्ट्रेलिया थिंक टैंक लवी इंस्टिट्यूट की ओर से जारी एशिया पावर इंडेक्स 2024 की फाइंडिंग रिपोर्ट आई है जिसमें भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया की सबसे बड़ी तीसरी शक्ति के रूप में उभरा है, जिसकी चर्चा हम नीचे पैराग्राफ में करेंगे।
ठीक उसी तरह भारत ने सिंगापुर व अभी ऑस्ट्रेलिया सिडनी में 25 सितंबर 2024 को निवेश, व्यापार, प्रौद्योगिकी व पर्यटन के लिए एक कार्यालय खोलने की घोषणा की है। चूंकि एशिया पावर इंडेक्स 2024 की फाइंडिंग रिपोर्ट आई है, जिसमें भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बताया गया है। इसलिए आज हम मीडिया व पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे, भारत के विजन 2047 की विकसित भारत की ओर बढ़ते कदमों की सटीकता का अंदेशा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट और इंडेक्स व अनुमानों बयानों से रेखांकित किया जा सकता है व भारत को स्वर्णिम काल विजन 2047 विकसित भारत के हर पल का लाभ उठाना समय की मांग है।
साथियों बात अगर हम एशिया पावर इंडेक्स 2024 की फाइंडिंग रिपोर्ट 25 सितंबर 2024 की करें तो ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की ओर जारी एशिया पावर इंडेक्स-2024 के अनुसार शक्तिशाली देशों की सूची में भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और चीन है। अमेरिका 81.7 अंक के साथ पहले और चीन 72.7 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है। भारत को 39.1 अंक मिले हैं। रैंकिंग में भारत को एक पायदान के साथ 2.8 अंक का फायदा हुआ है। जापान 38.9 अंक के साथ चौथे, ऑस्ट्रेलिया 31.9 अंक के साथ पांचवें और रूस 31.1 अंक के साथ छठे नंबर पर है। पाकिस्तान 14.6 अंक के साथ 16 वें नंबर पर है। एशिया पावर इंडेक्स 2024 में कुल 27 देशों और क्षेत्रों का आकलन किया गया।
भारत को यह उपलब्धि सक्रिय विकास, युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के दम पर हासिल हुई है। भारत में कोरोना महामारी के बाद बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार किए गए हैं, जिससे इसकी आर्थिक क्षमता में 4.2 अंकों की वृद्धि हुई है। भारत के भविष्य के संसाधनों के स्कोर में 8.2 अंकों की वृद्धि हुई है। भारत को अपनी युवा आबादी का भी लाभ मिलता है जो कि आने वाले दशकों में आर्थिक विकास को और गति देती रहेगी। इसके साथ ही पीएम के नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख काफी मजबूत हुई है। पीएम एक ग्लोबल लीडर के तौर पर उभरे हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष में भी दुनियां की नजरें भारत पर लगी हुई है।
एशिया पावर इंडेक्स में जापान को पछाड़कर भारत तीसरा सबसे ताकतवर देश बन गया है। बुधवार को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि भारत के तेज आर्थिक विकास, युवा जनसंख्या, अर्थव्यवस्था का विस्तार की वजह से भारत की स्थिति बेहतर हुई है। साथ ही ये भारत की दुनिया में बढ़ती साख को भी दर्शाता है।एशिया प्रशांत क्षेत्र के ताकतवर देशों की सूची दर्शाता है। एशिया पावर इंडेक्स के संबंध में मंत्रालय ने ने बयान में कहा कि एक बड़े बदलाव के तहत भारत ने जापान को पछाड़कर एशिया पावर इंडेक्स में तीसरे सबसे ताकतवर देश का दर्जा हासिल किया है। ये भारत की दुनियाभर में बढ़ रही साख को दर्शाता है। एशिया पावर इंडेक्स की शुरुआत साल 2018 में लॉवी इंस्टीट्यूट द्वारा की गई थी। इसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र में सालाना आधार पर ताकतवर देशों की एक सूची तैयार की जाती है। इसमें एशिया प्रशांत के 27 देशों की स्थिति का आकलन किया जाता है।
साथियों बात अगर हम उपरोक्त रिपोर्ट बनाने में इनपुट्स के रूप में लगने वाले मानदंडों की करें तो, भारत ने एक बार फिर दुनियां में अपना डंका बजाया है। जापान को पीछे छोड़ते हुए एशिया पावर इंडेक्स में भारत तीसरी सबसे बड़ी शक्ति बन गया है, जो इसकी बढ़ती भू-राजनीतिक क्षमता को दर्शाता है। यह उपलब्धि भारत के सक्रिय विकास, युवा आबादी और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के दम पर मिली है। 2024 एशिया पावर इंडेक्स के सबसे अहम निष्कर्षों में से एक क्षेत्रीय ताकतों से संबंधित रैंकिंग (रीजनल पावर रैंकिंग्स) में भारत का लगातार सुधार जारी है। इस वजहों से भी भारत ने लहराया परचम।
(1) आर्थिक विकास : भारत ने महामारी के बाद बड़े स्तर पर आर्थिक सुधार किए हैं, जिससे इसकी आर्थिक क्षमता में 4.2 अंकों की वृद्धि हुई है। भारत की बड़ी आबादी और मजबूत जीडीपी वृद्धि ने पीपीपी के संदर्भ में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत किया है।
(2) भविष्य की संभावना : भारत के भविष्य के संसाधनों के स्कोर में 8.2 अंकों की वृद्धि हुई है, जो संभावित जनसांख्यिकीय लाभांश का संकेत है। अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों विशेष रूप से चीन और जापान के विपरीत, भारत को अपनी युवा आबादी से लाभ मिलता है जो कि आने वाले दशकों में आर्थिक विकास और श्रम बल विस्तार को गति देती रहेगी।
(3) कूटनीतिक प्रभाव : पीएम के नेतृत्व ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक साख स्थापित की है। भारत की गुटनिरपेक्ष रणनीतिक स्थिति से जटिल अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्रों में प्रभावी रूप से नौवहन करना संभव हुआ है। 2023 में कूटनीतिक संवादों के मामले में भारत छठे स्थान पर रहा, जिससे बहुपक्षीय मंचों में इसकी सक्रिय भागीदारी का पता चलता है।
साथियों बात अगर हम भारत के लिए अवसरों का फल व विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित अनेक एजेंसियों को भारत का उज्जवल भविष्य दिखने की करें तो, भारत के लिए भी ये स्वर्णिम काल है। भारत के इतिहास का ये वो कालखंड है जब देश एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है। हमारे आस-पास ऐसे अनेक देशों के उदाहरण हैं जिन्होंने एक निश्चित समय में इसी तरह की लंबी छलांग लगाकर खुद को विकसित किया है। इसलिए मैं कहता हूं; भारत के लिए भी ये सही समय है। हमें इस स्वर्णिम काल के हर पल का लाभ उठाना है, एक पल भी हमें बर्बाद नहीं करना चाहिए।
भारत दुनियां की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है और यह 2047 तक उच्च मध्य आय के दर्जे तक पहुंचने की आकांक्षा के साथ इस पथ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है। देश यह भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि विकास का इसका जारी क्रम जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है और 2047 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का अपना लक्ष्य हासिल करने के अनुरूप है। आज, भारत लगभग 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है, जिसमें आने वाले दशकों के लिए 8 प्रतिशत विकास की संभावनाएं हैं।
अब हम एक वैश्विक घटना स्थल बन चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जारी बयान में कहा था के, विश्व आर्थिक परिदृश्य के नवीनतम संस्करण में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2024 में 6.8 फीसदी और वर्ष 2025 में 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। आईएमएफ का यह अनुमान जनवरी की रिपोर्ट में 2024 के लिए भारत की सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि 6.5 फीसदी रहने का अनुमान से बेहतर है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि एशिया पावर इंडेक्स 2024 की फाइंडिंग रिपोर्ट- भारत एशिया का तीसरा सबसे शक्तिशाली देश बना। भारत का दुनियां में फिर डंका बजा- भारत को स्वर्णिम काल विजन 2047, विकसित भारत के हर पल का लाभ उठाना समय की मांग है। भारत के विजन 2047 विकसित भारत की ओर बढ़ते कदमों की सटीकता का अंदेशा अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स इंडेक्स, अनुमानों व बयानों से रेखांकित किया जा सकता है।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
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