कोलकाता के नामी गिरामी गहनों की कंपनी को ईडी ने भेजी नोटिस

कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता स्थित गहनों की एक कंपनी को कथित रूप से अवैध विदेशी विनिमय में शामिल होने पर विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत 7,220 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि यह जांच एजेंसी द्वारा जारी किये गए कारण बताओ नोटिस में अब तक की सबसे बड़ी रकम है।

उन्होंने कहा कि यह एक बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता में फेमा के सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी आदेश के द्वारा गणेश ज्वेलरी हाउस (आई) लिमिटेड के खिलाफ यह आरोप लगाए हैं। प्राधिकारी प्रवर्तन निदेशालय में विशेष निदेशक स्तर के अधिकारी हैं। सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, यह फर्म देश के 100 शीर्ष इरादतन बैंक कर्ज चूककर्ताओं में से एक है।

यह फर्म और उसके तीन प्रवर्तक बंधु ङ्क्त नीलेश पारेख, उमेश पारेख और कमलेश पारेख- की सीबीआई और खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआई) द्वारा भी जांच की जा रही है। डीआरआई ने 2018 में नीलेश को गिरफ्तार भी किया था।  ईडी ने 2018 में फर्म और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ धन शोधन का मामला भी दर्ज किया था। उन पर 25 बैंकों के समूह से 2672 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी करने का भी आरोप है।

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि फेमा का कारण बताओ नोटिस एक साल से भी ज्यादा समय तक चली जांच के बाद विदेशी मुद्रा कानून की विभिन्न धाराओं के तहत जारी किया गया है। ईडी के मुताबिक, कंपनी और उसके प्रवर्तकों पर फेमा के तहत ‘‘अनाधिकृत विदेशी मुद्रा लेनदेन का सहारा लेने, भारत के बाहर विदेशी मुद्रा रखने और निर्यात आय के रूप में 7,220 करोड़ रुपये की रकम को निकालने’’ के आरोप लगाए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि यह निदेशालय द्वारा फेमा के तहत अब तक जारी किये गए कारण बताओ नोटिस से संबंधित सबसे बड़ी रकम है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *