कोलकाता। पश्चिम बंगाल में 2013 के सारदा चिटफंड धनशोधन मामले में 35 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक बयान में कहा गया है कि कुर्क की गई संपत्ति बिष्णुपुर में वाहन, भवन, फ्लैट और बंगले, दक्षिण 24 परगना, नदिया, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी में जमीन के भूखंड के रूप में है। ईडी ने कहा कि इन संपत्तियों का मूल्य 35 करोड़ रुपये है।

ये संपत्तियां या तो सारदा समूह के स्वामित्व में थीं या अपराध की आय को ऐसी संपत्तियों में निवेश किया गया था (सारदा समूह ने विक्रेताओं को पूर्ण अग्रिम भुगतान किया था)। सारदा समूह पर 2013 तक पश्चिम बंगाल, असम और ओडिशा राज्यों में फैले नेटवर्क के साथ चिटफंड घोटाला चलाने का आरोप है। समूह पर आरोप है कि उसने अपनी अवैध योजनाओं में निवेश पर असामान्य रूप से ऊंचा रिटर्न का वादा करते हुए हजारों जमाकर्ताओं को धोखा दिया।

जांच एजेंसी ने समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ कोलकाता पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद 2013 में एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। ईडी के अनुसार, इस समूह की कंपनी द्वारा जुटाए गए कुल धन की मात्रा लगभग 2,459 करोड़ रुपये है, जिसमें से लगभग 1,983 करोड़ रुपये जमाकर्ताओं को आज तक (ब्याज राशि को छोड़कर) लौटाए नहीं गए हैं। एजेंसी द्वारा मार्च 2016 में एक आरोप पत्र या अभियोजन शिकायत दायर की गई थी और इसके बाद पूरक आरोप पत्र पिछले साल अगस्त में दायर किया गया था।

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