
सुमुखी सयानी देख, परियों की रानी देख
आँखें मूँद रूपसी की बातों में न आइये
नज़रों के वार और कजरे की धार से तो
अपने कलेजे और दिल को बचाइये
सुन्दरी की आली प्रीत की है ये निराली रीत,
एक हाथ दीजिये तो दूजे हाथ पाइये
जितना भी चाहें आप, अपना बढ़ा के बीमा
उनकी वफ़ा की सीमा उतनी बढाइये
डी पी सिंह
Shrestha Sharad Samman Awards