ठहरो मत, चलते रहो – मेहनत का असर कहीं न कहीं जरूर हो रहा है – डॉ. विक्रम चौरसिया

नई दिल्ली। जिंदगी में ऐसे लोग मिलते हैं जो आपको नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं। वे आपके आत्मविश्वास को चोट पहुँचाने, आपके सपनों को रोकने या आपको निराश करने में लगे रहते हैं। लेकिन याद रखिए, इंसानियत और मानवता की भावना हर चीज से ऊपर है। नकारात्मकता पर ध्यान मत दें। रुकिए नहीं, चलते रहिए – आपकी मेहनत का असर कहीं न कहीं जरूर हो रहा है।

किसी को गिराना आसान है, लेकिन दूसरों की मदद करना, उनके लिए खड़ा होना और अच्छाई फैलाना सच्ची ताकत है। जब आप इंसानियत और मानवता को मार्गदर्शिका बनाते हैं, तो कोई नकारात्मकता आपको कभी गिरा नहीं सकती। शांति, धैर्य और अच्छे कर्म के साथ आप हमेशा ऊपर उठते हैं।

मेरे लिए आखिरी सांस तक इंसानियत, मानवता व राष्ट्र सर्वोपरि रहेगी। बुद्ध ने भी सिखाया कि जीवन का असली उद्देश्य केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि सभी प्राणियों के कल्याण और मानवता की सेवा है। उनके संदेश हमें यह याद दिलाते हैं कि इंसानियत, करुणा और सहानुभूति सर्वोपरि मूल्य हैं।

हम अक्सर सोचते हैं कि हमारी कोशिशें छोटी हैं। लेकिन सच यह है कि आपकी मेहनत, चाहे कितनी भी छोटी लगे, किसी न किसी के लिए प्रेरणा बनती है। कोई छात्र आपकी लगन देखकर कठिन परिस्थितियों में भी पढ़ाई को महत्व देता है। कोई साथी आपके आत्म-विश्वास से सीखता है कि मुश्किलें कितनी भी बड़ी हों, उनसे डरना नहीं चाहिए। कोई जानकार आपकी सफलता की कहानी सुनकर अपने सपनों के पीछे भागने की हिम्मत पाता है।

मैं कुछ वर्षों से निस्वार्थ भाव से झुग्गी बस्तियों के बच्चों को पढ़ाने की कोशिश कर रहा हूं। उसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है। बहुत सारे लोग प्रेरित होकर अपने स्तर पर जरूरतमंदों के जीवन में रोशनी लाने लगे हैं।

इसलिए, आप भी राष्ट्र और मानवता सर्वोपरि भावना से निस्वार्थ भाव से दूसरों के जीवन में रोशनी लाने का प्रयास करते रहिए। यही सच्चा संतोष और सुकून है। अंत में फिर से बोलूंगा, रुकिए मत, चलते रहिए आपकी मेहनत का असर कहीं न कहीं जरूर हो रहा है।

डॉ. विक्रम चौरसिया, चिंतक/सामाजिक कार्यकर्ता/आईएएस मेंटर/दिल्ली विश्वविद्यालय

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