खड़गपुर। पूर्व मेदिनीपुर जिला अंतर्गत पांशकुड़ा में एक फूल किसान की आत्महत्या के बाद, फूल चासी समिति के नेताओं ने क्षेत्र का दौरा किया और कर्ज माफी और आसान शर्तों पर कर्ज देने की मांग की। समिति के नेताओं ने समस्याओं पर रोशनी डालते हुए कहा कि फूलों की खेती को केंद्र सरकार द्वारा नकदी फसल के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, जिससे किसानों को सरकारी कर्ज की सुविधा नहीं मिलती है। प्राकृतिक आपदाओं और कीटों के हमले के कारण फसलों को नुकसान होने पर किसानों को मुआवजा या फसल बीमा नहीं मिलता है।
परिणाम स्वरुप किसान निजी कर्जदाताओं से ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज लेने को मजबूर हैं। कई किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ हैं और उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा है। विगत 27 जून को एक फूल किसान संगीता प्रमाणिक ने कर्जदाताओं के दबाव में आकर आत्महत्या कर ली।
फूल चासी समिति के नेताओं ने सोमवार को मृतक किसान के परिवार से मुलाकात की और सरकार से कर्ज माफी और आसान शर्तों पर कर्ज देने की मांग की।

फूल चासी समिति ने सरकार से कर्ज माफी और आसान शर्तों पर कर्ज देने की मांग की है। उन्होंने सरकार से फूलों की खेती को नकदी फसल के रूप में मान्यता देने और फसल बीमा योजना शुरू करने की भी मांग की है।
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