कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या की जांच स्थानीय पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका में दावा किया गया है यह मामला बोगतुई गांव में नौ लोगों की हत्या से जुड़ा है, जिन्हें 21 मार्च को उनके घरों में कथित तौर पर जिंदा जला दिया गया था।उच्च न्यायालय के निर्देश पर बोगतुई हिंसा की जांच कर रही सीबीआई ने कहा कि वह अगर अदालत आदेश देगी तो वह भादू शेख की हत्या की जांच करने को तैयार है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की एक खंडपीठ को जांच एजेंसी ने बोगतुई में महिलाओं तथा बच्चों सहित नौ लोगों की मौत के मामले में अपनी जांच पर एक सीलबंद लिफाफे में प्रगति रिपोर्ट सौंपी।

याचिकाकर्ताओं में वकील विकास भट्टाचार्य और प्रियंका टिबरेवाल भी शामिल हैं। राज्य सरकार के वकील एसएन मुखर्जी ने अदालत से कहा कि जब तक रिपोर्ट में यह नहीं कहा जाए कि दोनों घटनाओं के बीच कोई संबंध है, तब तक भादू शेख की हत्या की सीबीआई जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता है।खंडपीठ ने कहा कि वह रिपोर्ट पर गौर करेगी और उसके बाद अपना आदेश देगी। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल वाईजे दस्तूर ने कहा कि सीबीआई भादू शेख हत्या मामले में जांच करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि घटना के कई दिन बीत जाने के कारण कुछ भौतिक सुराग नष्ट हो गए होंगे, हालांकि तकनीकी साक्ष्य मौजूद होंगे। उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को आदेश दिया था कि बीरभूम जिले के बोगतुई में 21 मार्च को हुई हिंसा की जांच पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल से सीबीआई को सौंपी जाए। हिंसा में आठ लोगों की जलकर मौत हो गई थी और एक महिला ने अगले दिन उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था।

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