दार्जिलिंग : ममता बनर्जी ने लोगों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ किया आगाह

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य को बांटने की कोशिश कर रही ताकतों के खिलाफ लोगों को आगाह किया। वह उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग की पहाड़ियों में नवनिर्वाचित गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) बोर्ड के सदस्यों के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उन नेताओं और राजनीतिक ताकतों के खिलाफ बोला और उनकी जमकर आलोचना की जो अलग गोरखालैंड राज्य के पक्ष में हैं।

हालांकि उन्होंने गोरखालैंड का सीधा संदर्भ नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं अतीत में जो हुआ उसका उल्लेख नहीं करना चाहती, लेकिन आज मैं आप सभी से एक वादा चाहती हूं। कृपया किसी भी नेता को फिर से पहाड़ियों में तनाव पैदा करने की अनुमति न दें। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अवसरवादी नेता फिर से पहाड़ियों में आग न लगा सके।”

हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि उनका स्पष्ट संकेत गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के प्रमुख विमान गुरुंग की ओर था। उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारतीय मामलों के एक विशेषज्ञ और ‘द बुद्धा एंड द बॉर्डर्स’ पुस्तक के लेखक निर्मल्या बनर्जी के अनुसार, जीजेएम ने हाल ही में संपन्न जीटीए चुनावों का बहिष्कार करते हुए दावा किया है कि स्थायी राजनीतिक समाधान के बिना जीटीए के लिए चुनाव अप्रासंगिक हैं।

उन्होंने कहा, “अब इस स्थायी राजनीतिक समाधान के दो मुख्य घटक क्या हैं? पहला पहाड़ी में 11 गोरखा संप्रदायों के लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा है। दूसरा स्पष्ट रूप से अलग गोरखालैंड राज्य है। इसलिए मंगलवार को मुख्यमंत्री ने वह स्वर सेट किया कि अलग गोरखालैंड राज्य की मांग फिर नहीं उठी है।”

भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा (बीजीपीएम) के प्रमुख और नवनिर्वाचित जीटीए अध्यक्ष अनीत थापा ने मुख्यमंत्री को समर्थन देते हुए यह भी स्पष्ट किया कि अलग गोरखालैंड राज्य की मांग उनकी प्राथमिकता में नहीं है। उन्होंने कहा, “पहाड़ियों का समग्र विकास मेरा मुख्य फोकस होगा और इसके लिए यहां पूर्ण शांति बहाल करना जरूरी है। पहाड़ियों में आज से एक नए युग की शुरूआत हो रही है।”

हाल ही में बीजीपीएम ने 45 में से 27 सीटें जीतकर जीटीए पर नियंत्रण हासिल किया है। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दस वर्षों के दौरान राज्य सरकार ने जीटीए को 10,000 करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही एक अलग पहाड़ी विश्वविद्यालय और हिल्स में एक औद्योगिक केंद्र होगा।

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