तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। राज्य में लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म और महिला उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ नाराजगी और आक्रोश अब सड़कों पर दिखाई दे रहा है। इसी मुद्दे को लेकर पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर शहर में “12 जुलाई समिति” के बैनर तले एक विशाल जुलूस निकाला गया।
इस जुलूस में श्रमिकों, कर्मचारियों, शिक्षकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का संयुक्त मंच शामिल हुआ। रैली की शुरुआत कर्मचारी भवन से हुई और यह हाथार मैदान, खापरेल बाज़ार, सिपाही बाजार चौराहा, सुभाष नगर, ओल्ड एलआईसी मोड़ और गांधी मोड़ से होती हुई पुनः कर्मचारी भवन पर समापन तक पहुँची।
पूरे रास्ते प्रदर्शनकारियों ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी, अभया समेत सभी पीड़िताओं को न्याय और अपराधियों को उदाहरणात्मक दंड की मांग में नारे लगाए।

मौके पर उपस्थित नेताओं में गंगाधर बर्मन, अशोक घोष, पापिया चौधरी और सबिता मन्ना जैसे शिक्षक-कर्मी आंदोलन के प्रमुख चेहरे शामिल थे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल एक दिन का नहीं है; यह महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए चल रहे व्यापक संघर्ष का हिस्सा है।
नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
पूरे शहर में जुलूस के दौरान माहौल उत्साहपूर्ण और जोशीला था। नागरिकों ने जगह-जगह प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
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