CPI(M) के प्रदेश मुख्यालय अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने वामपंथी सहयोगियों की एकता पर जोर दिया

Kolkata Desk : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आईएसएफ के साथ गठबंधन करने के बावजूद वामपंथी पार्टी मुँह के बल गिरी है, अतः CPI(M) के प्रदेश मुख्यालय अलीमुद्दीन स्ट्रीट ने अपने 16 दलों के वामपंथी सहयोगियों (वामफ्रंट) की एकता पर जोर दिया है। फ्रंट की बैठक में भाकपा, आईएसएफ और कांग्रेस का मुद्दा उठा लेकिन उसे टाल दिया गया, बल्कि वामपंथी एकता को ही प्राथमिकता दी गई।

विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और आईएसएफ के साथ गठबंधन करने के बावजूद वामपंथियों को तबाही का सामना करना पड़ा। वोट के बाद वाममोर्चे को मजबूत करने के पक्ष में हैं सहयोगी दल। अब्बास सिद्दीकी की पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर सहयोगी दलों के साथ माकपा की राज्य समिति की बैठक में भी चर्चा की गई है।

इस बीच साईबाड़ी कांड पर विकासरंजन भट्टाचार्य की पोस्ट से एक बार फिर हड़कंप मचा हुआ है। उस पोस्ट में विकास ने ‘कांग्रेस के गुंडे’ शब्दों का इस्तेमाल किया था। सीपीएम को लिखे पत्र में प्रदेश कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस के एक धड़े ने फिर से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को मेल कर के इस गठबंधन के भविष्य पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्र ने सीपीएम की बैठक में कहा कि “मैं किसी से गठबंधन छोड़ने के लिए नहीं कहूंगा। लेकिन अगर कोई चाहे तो फैसला ले सकता है।” सूत्रों के मुताबिक सहयोगियों और पार्टी के भीतर के दबाव के चलते फिलहाल सीपीएम ‘धीरे चलो’ की नीति पर चलना चाहती है। सहयोगियों के साथ बैठक में नेताओं ने आईएसएफ और कांग्रेस पर बहस करने से परहेज किया। अलीमुद्दीन स्ट्रीट जल्द ही 16 वामपंथी दलों की बैठक बुलाने वाली हैं, जिससे संयुक्त वाम मोर्चे की जोरदार उपस्थिति को दर्ज करवा सके।

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