फोटो, साभार : गूगल

पेइचिंग : चीन के वुहान में मौजूद वायरोलॉजी इंस्टिट्यूट कोरोना वायरस का मामला आने के बाद से ही विवादों में है। अब इंस्टिट्यूट ने विवाद के बीच दावा किया है कि उनके पास बैट से निकले कोरोना वायरस के तीन लाइव स्ट्रेन मौजूद थे लेकिन इनमें से किसी का भी मौजूदा महामारी से कोई संबंध नहीं है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस चमगादड़ से निकले थे और उससे ही यह इंसानों में फैला। लेकिन वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की निदेशक ने सरकारी टीवी सीजीटीएन से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य द्वारा वायरस के इंस्टिट्यूट से फैलने का दावा करना, पूरी तरह से मनगढ़ंत है।

निदेशक का इंटरव्यू 13 मई को किया गया था, जिसे शनिवार रात को प्रसारित किया गया। इसमें निदेशक वांग येनी कहती हैं कि सेंटर के पास चमगादड़ों से निकाले गए गए कोरोना वायरस के स्ट्रेन थे। उन्होंने बताया कि हमारे पास जिंदा वायरस के तीन स्ट्रेन मौजूद हैं लेकिन नोवेल कोरोना वायरस और उनमें समानता सिर्फ 79.8 फीसदी ही है।

प्रोफेसर शी जेंग्ली के नेतृत्व में एक टीम 2004 से ही चमगादड़ से निकले कोरोना वायरस पर शोध कर रही है और वह सार्स के स्रोत को ढूंढ रही है। शी ने बताया कि हमें पता है कि नोवेल कोरोना वायरस के जीनोम सार्स से सिर्फ 80 फीसदी ही मैच करते हैं। यह एक बड़ा अंतर है। इसलिए प्रफेसर शी के शोध में उन्होंने ऐसे वायरस पर ध्यान नहीं दिया जिनमे सार्स जैसी समानता कम है।

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