डीपी सिंह की रचनाएं

।।जय श्री राम।।

बिगड़े बनेंगे काम आइये अवध धाम
जहाँ राम-नाम मय अनमोल थाती है

मानस पटल पर अंकित है अपने जो
इक इक याद तन-मन महकाती है

जन्म राम जी ने यहाँ लिया और यहीं पर
बाल-क्रीड़ा उनकी हृदय हरसाती है

आँखें चौंधियातीं कहीं भव्यता निहार के तो
कहीं चारु चाँदनी में सरयू नहाती है

–डीपी सिंह

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