डीपी सिंह की रचनाएं

अंग्रेज़ी अत्याचार से मचा जो हाहाकार
आज़ादी का नारा ले मुखर हुए नेताजी

फ़ौज का गठन कर, बन कर मानो शर
शत्रुओं के सीने में उतर गए नेताजी

पदवी मिली न उन्हें, भीख चाटुकारिता में
देश पर मर के अमर हुए नेताजी

किन्तु राजनीति हावी, हुई यहाँ ठगों वाली
सत्ता के डकैतों की नज़र हुए नेताजी

–डीपी सिंह

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