
किस्मत सखि नहीं फिर भी रूठ जाती है…
बुद्धि लोहा नहीं फिर भी जंग लग जाती है…
आत्मसम्मान शरीर नहीं फिर भी घायल हो जाती है…और
इंसान मौसम नहीं फिर भी बदल जाता है…
जिंदगी के सफर में हर तरह के लोग मिलते है…
कुछ होते हैं पल भर के मुसाफिर…
कुछ उम्र भर साथ चलते हैं…
कुछ निभाते हैं साथ हमारा…
कुछ अपना बनकर छलते हैं…
कहां होते हैं सब एक से…
कुछ दर्द कुछ खुशियों के वजह बनते हैं…!!

Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission
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