
।।डॉ. आर.बी. दास की रचना।।
वक्त ठहरता कहां है,
वक्त चलता जाता है,
धीरे-धीरे जिंदगी में,
सब बदलता जाता है…
ले आता है गम कभी,
कभी जिंदगी को,
खुशियों से भर जाता है,
छीन लेता है कुछ लोगों को हमसे…
कुछ लोगों को हमारा कर जाता है,
कौन अपना है, कौन पराया,
चेहरा सभी का दिखा जाता है,
ये वक्त हमें धीरे-धीरे,
सब कुछ सिखा जाता है…

Adv. supreme court,
Advisor (UGC)
National Sec.
SC/ST commission
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