अनिल बेदाग, मुंबई | 28 अक्टूबर 2025 — जब पंजाब के फिरोजपुर, तरन तारन, कपूरथला और अजनाला जैसे जिले बाढ़ की चपेट में आए, तब मुंबई के चार बंगला गुरुद्वारा साहिब ने मानवता की मिसाल पेश की। अध्यक्ष सरदार जसपाल सिंह सूरी और मनिंदर सिंह सूरी के नेतृत्व में गुरुद्वारा समिति ने ₹50 लाख की राहत सामग्री भेजी, जिसमें भोजन, दवाएं, नावें, चारा और राहत किट शामिल थे।
🧺 राहत से पुनर्निर्माण तक: सेवा के विविध आयाम
- अजनाला के डुब्बर गांव में 75 एकड़ भूमि पर गेहूं की बुआई का पूरा खर्च उठाया गया
- हरार कलां गांव को गोद लिया गया, जहां 125 एकड़ की खेती के लिए बीज, खाद और डीजल उपलब्ध कराया गया
- किसानों की बेटियों की शादियों का खर्च और नष्ट घरों के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी भी समिति ने ली
🗣️ सेवा का संदेश: गरिमा और उम्मीद
- सरदार जसपाल सिंह सूरी ने कहा:
“यह केवल राहत नहीं, बल्कि गरिमा और उम्मीद को पुनर्जीवित करने का प्रयास था।”
- संगत और सेवकों की एकजुटता ने साबित किया कि जब सेवा समर्पण बन जाए, तो हर आपदा छोटी लगने लगती है
🙌 गुरुद्वारा साहिब की भूमिका
- यह पहल दर्शाती है कि धार्मिक संस्थाएं सिर्फ आध्यात्मिक नहीं, सामाजिक जिम्मेदारियों में भी अग्रणी हो सकती हैं
- चार बंगला गुरुद्वारा साहिब ने सेवा, समर्पण और संवेदना को एकजुट कर राहत से पुनर्निर्माण तक का सफर तय किया
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