तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर। पश्चिम मेदिनीपुर जिले के चंद्रकोणा थाने के पर्यावरण प्रेमी शिक्षक भवानी प्रसाद दास ने इस बार भाई फोटा (भाई दूज) के पर्व को एक नई दिशा दी। आम तौर पर भाई फोटा का अर्थ होता है बहन का स्नेह और भाई का प्यार‑भरा त्योहार, जिसमें बहन भाई के माथे पर फोटा (तिलक) लगाकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, और भाई बहन को सुरक्षा का वचन देता है।
लेकिन इस बार कुछ अलग हुआ। भवानी प्रसाद दास ने भाई फोटा पर अपने भाई को फोटा लगाने से पहले एक पेड़ को फोटा लगाया। उन्होंने यह प्रतीकात्मक कदम इसलिए उठाया ताकि समाज को यह संदेश दिया जा सके कि जैसे मनुष्यों का जीवन मूल्यवान है, वैसे ही पेड़ों का भी जीवन उतना ही महत्वपूर्ण है।
उनका कहना है कि पेड़ ही असली रक्षक कवच हैं, और पेड़ों से प्रेम करना अपने ही भविष्य को सुरक्षित रखना है। लक्ष्मीपुर पंचायत के जगन्नाथपुर और आसपास के इलाकों में शिक्षक भवानी प्रसाद दास की इस पहल का स्वागत किया गया और इसे “हरियाली की रक्षा” का संकल्प माना जा रहा है।

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