कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं में अनियमितताओं के आरोप लगाते ही रहते हैं। इसे लेकर केंद्र के पास बकाया राशि के भुगतान की मांग पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच एक नई केंद्रीय क्षेत्र निरीक्षण टीम कुछ परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करने के लिए राज्य में आ रही है।
राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर के निगरानी प्रभाग (एनएलएमडी) से राज्य सचिवालय को पहले ही एक संदेश भेजा जा चुका है। दो केंद्रीय परियोजनाएं हैं जिनकी समीक्षा की जायेगी – मनरेगा के तहत 100 दिन की रोजगार योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई)।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय टीम के सदस्य चार दिन के लिए राज्य में रहेंगे और फिर 15 दिसंबर तक अपने उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपेंगे। हालांकि, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि टीम राज्य के किन जिलों का दौरा करेगी।
उधर राज्य पंचायत मामलों और ग्रामीण विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्हें नई केंद्रीय टीम के पश्चिम बंगाल आने का कोई औचित्य नहीं दिखता क्योंकि राज्य सचिवालय ने पहले ही कार्यान्वयन पर इस साल मई में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रश्नों का उत्तर दे दिया है।
अधिकारी ने कहा, “केंद्रीय निरीक्षण दल उसके बाद भी केंद्रीय प्रश्नों के विरुद्ध राज्य सचिवालय द्वारा प्रदान की गई जानकारी की पुष्टि करने के लिए राज्य में आ रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि केंद्र सरकार हमेशा राज्य सरकार और राज्य के लोगों को वैध केंद्रीय बकाया से वंचित करने के बहाने ढूंढती है और केंद्रीय क्षेत्र निरीक्षण दल उस बहाने के अलावा और कुछ नहीं हैं।
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