परीक्षा के नए पैटर्न में छात्रों को अंकों में बेहतर सुधार का यह मौका करियर में मील का पत्थर साबित होगा
सीबीएसई 10वीं का नया पैटर्न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप, परीक्षाओं में कम तनावपूर्ण माहौल व छात्रों को सीखने का बेहतर मौके देना है
अधिवक्ता किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर पूरी दुनिया के मंझे हुए शिक्षाविदों, बुद्धिजीवियों व शिक्षा के क्षेत्र में विशेष विश्लेषणात्मक भूमिका रखने वालों की पूरी नजर गढ़ी हुई है, क्योंकि इस नई राष्ट्रीय नीति 2020 में अनेकों ऐसे अनुशंसित नियम व मौके हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में भारत की पीढ़ीयों में मील का पत्थर साबित होंगे। इसके पूर्व हमने देखे कि इंजीनियरिंग सहित अनेको कोर्स अपनी मातृभाषा में करने का सटीक सिस्टम लागू किया गया है, जो इस एनईपी 2020 का ही हिस्सा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत के सभी राज्यों ने भी तुरंत लागू करना चाहिए क्योंकि इस शिक्षा नीति को अपनाने से जो पीढ़ी निकलेगी वह पारिस्थितिकीजन्य विश्लेषण कर नई प्रौद्योगिकी वह नीति से आगे बढ़ाने वाली होगी।
आज इस विषय पर हम चर्चा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सीबीएसई के एग्जामिनर कंट्रोलर ने बुधवार दिनांक 25 जून 2025 शाम को प्रेस में बताया कि दसवीं की परीक्षा अब सत्र 2025-2026 से वर्ष में दो बार होगी, व उसका पूरा विवरण बताए जो हम नीचे पैराग्राफ में चर्चा करेंगे। चूँकि इस नए पैटर्न से छात्रों को अंकों में बेहतर सुधार करने का मौका मिलेगा जो उनके करियर में मील का पत्थर साबित होगा, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे सीबीएसई 10वीं बोर्ड का नया पैटर्न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप परीक्षाओं को कम तनावपूर्ण व छात्रों को सीखने का बेहतर मौका देना है।

साथियों बात अगर हम सत्र 2025-26 से सीबीएसई 10वीं की परीक्षा पैटर्न में बदलाव की करें तो, अगर हम या हमारे बच्चे 10वीं की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर हमारे लिए बेहद जरूरी है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं के तरीके में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है, अब छात्रों को परीक्षा में साल में दो बार बैठने का मौका मिलेगा, यानी अगर कोई छात्र अपने पहले प्रयास के अंकों से संतुष्ट नहीं है, तो वह दूसरी परीक्षा में बैठ सकता है, इसका उद्देश्य छात्रों पर से दबाव कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का दूसरा मौका देना है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक ने दी जानकारी दीं उन्होंने कहा, ‘‘पहला चरण फरवरी में और दूसरा मई में आयोजित किया जाएगा, दोनों चरणों के परिणाम क्रमशः अप्रैल और जून में घोषित किए जाएंगे”, इससे छात्रों को एक ही शैक्षणिक सत्र में दो अवसर मिलेंगे और वे समय पर अपने करियर और आगे की पढ़ाई के लिए निर्णय ले सकेंगे।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘छात्रों के लिए पहले चरण में शामिल होना अनिवार्य होगा, जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा, छात्रों को विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से किसी भी तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने का मौका मिल सकेगा, इसका मतलब यह है कि छात्र केवल उन्हीं विषयों की परीक्षा दोबारा देंगे, जिनमें वे अपनी पहली कोशिश से संतुष्ट नहीं हैं ”तय मानदंडों के अनुसार, शीतकाल में बंद रहने वाले स्कूलों के दसवीं कक्षा के छात्रों को किसी भी चरण में उपस्थित होने का विकल्प मिलेगा। इसके अनुसार, शैक्षणिक सत्र के दौरान आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार किया जाएगा, यह बदलाव परीक्षा प्रक्रिया को सरल और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है।
सीबीएसई ने फरवरी में मसौदा मानदंडों की घोषणा की थी और हितधारकों की प्रतिक्रिया मांगी गई थी, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश के मुताबिक, बोर्ड परीक्षाओं की ‘‘उच्च अपेक्षा” वाले पहलू को खत्म करने के लिए सभी छात्रों को किसी भी शैक्षणिक वर्ष के दौरान दो मौकों पर परीक्षा देने की अनुमति दी जाएगी। सीबीएसई का यह नया पैटर्न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है। नीति का उद्देश्य बोर्ड परीक्षाओं को कम तनावपूर्ण बनाना और छात्रों को सीखने के बेहतर मौके देना है। सीबीएसई ने इस बदलाव से पहले फरवरी 2025 में ड्राफ्ट नियम जारी कर सभी हितधारकों से सुझाव मांगे थे, इन सुझावों के आधार पर ही यह नया पैटर्न तैयार किया गया है।
सीबीएसई का यह नया फैसला बोर्ड परीक्षा को ज्यादा लचीला और छात्र- केंद्रित बनाता है, अब छात्र अपनी गलतियों को सुधारने और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए दो मौके पा सकेंगे, जिससे परीक्षा का तनाव कम होगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। कक्षा 10 के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा के पहले चरण में उपस्थित होना अनिवार्य, दूसरा चरण वैकल्पिक रहेगा। आंतरिक मूल्यांकन केवल एक बार किया जाएगा। इस फैसले के बाद छात्रों को अपने अंकों में सुधार का मौका मिल पाएगा। यदि किसी छात्र के अंक पहले चरण में कम रह जाते हैं, तो वह दूसरे चरण में अच्छा प्रदर्शन करके सुधार कर सकेगा, यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में अनुशंसित एक कदम है।
साथियों बात अगर हम 10वीं सीबीएसई के इस नई पैटर्न को गहराई से समझने की करें तो, नए एग्जाम पैटर्न की 3 अहम बातें, परीक्षा यानी ऑप्शनल एग्जाम में छात्रों को साइंस, मैथमेटिक्स, सोशल साइंस और लैंग्वेजेस में से किन्हीं 3 सब्जेक्ट में अपनी परफॉर्मेंस सुधारने की इजाजत दी जाएगी। विंटर बाउंड स्कूलों (सर्दियों में बंद रहने वाले स्कूल) के छात्रों को दोनों परीक्षाओं में से किसी में भी बैठने की इजाजत होगी। अगर कोई छात्र पहली परीक्षा में 3 या अधिक सब्जेक्ट्स में शामिल नहीं हुआ है, तो उसे दूसरी परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि पहले और दूसरे चरण की परीक्षाओं में सेलेबस भी एक ही रहेगा और पूर्ण पाठ्यक्रम शामिल होगा, इसके साथ ही जो स्टूडेंट दोनों परीक्षा में हिस्सा लेंगे, उनके परीक्षा केंद्र एक ही होंगे।
(1) अगर एग्जाम फीस की बात करें तो रजिस्ट्रेशन के वक्त ही दोनों परीक्षाओं की फीस जमा करनी होगी।
(2) सीबीएसई दूसरे एग्जाम के जरिए उन स्टूडेंट्स को मौका देना चाहता है, जो एक बार परीक्षा के बाद अपने परिणामों में सुधार करना चाहते हैं।
(3) अगर कोई स्टूडेंट साल की दोनों परीक्षाओं में हिस्सा लेता है तो उसके उन नंबरों को फाइनल माना जाएगा, जो ज्यादा होंगे, अगर किसी के पहले एग्जाम में ज्यादा नंबर आते हैं और दूसरे एग्जाम में कम नंबर आते हैं तो उसके पहले चरण की परीक्षा के नंबर को फाइनल माना जा सकता है। बता दें कि स्टूडेंट्स तीन विषयों में अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की अनुमति दी जाएगी, अगर कोई स्टूडेंट पहली परीक्षा में 3 या 3 से ज्यादा विषयों में शामिल नहीं हुआ है तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने का मौका नहीं मिलेगा। सीबीएसई की ओर से फरवरी में जो ड्राफ्ट तैयार किया गया था, उसमें कहा गया था कि सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा के पहले चरण की परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच आयोजित हो सकती है और दूसरे चरण की परीक्षाएं 5 से 20 मई के आयोजित होंगी।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि सीबीएसई 10वीं की परीक्षा 2026 से वर्ष में दो बार होगी- सप्लीमेंट्री खत्म- पहली परीक्षा फरवरी में कंपलसरी, दूसरी मई में ऑप्शनल-अप्रैल जून में नतीजे,परीक्षा के नए पैटर्न में छात्रों को अंकों में बेहतर सुधार का यह मौका करियर में मील का पत्थर साबित होगा। सीबीएसई 10वीं का नया पैटर्न राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश के अनुरूप, परीक्षाओं में कम तनावपूर्ण माहौल व छात्रों को सीखने का बेहतर मौके देना है।
(स्पष्टीकरण : इस आलेख में दिए गए विचार लेखक के हैं और इसे ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है।)
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च कर, फॉलो करें।
