कोलकाता, (Kolkata) : पश्चिम बंगाल के कोलकाता में लॉ कॉलेज की छात्रा संग हुए दुष्कर्म मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है। दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार को विधि कॉलेज में सामूहिक दुष्कर्म मामले में जांच की प्रगति पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि कोलकाता के न्यू कस्बा लॉ कॉलेज की छात्रा संग दुष्कर्म की घटना बीते दिनों हुई थी। इस मामले में पुलिस ने तीनों आोपियों मनोजित मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि इस मामले के सामने आने के बाद साउथ कलकत्ता लॉ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने तीनों आरोपियों को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया है।
वहीं संस्थान से निष्कासित किए गए लोगों में मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा जो कॉलेज में संविदा कर्मचारी था। उसे भी निष्कासित कर दिया गया है। इसके अलावा दो अन्य आरोपी कॉलेज के ही छात्र हैं।

- कलकत्ता हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
बता दें कि इस मामले में सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कोर्ट से मांग की थी कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।
याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि कथित पीड़िता द्वारा की गई शिकायत के आधार पर CBI को इस घटना की प्रारंभिक जांच करने और कोर्ट के सामने एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाए।
याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका यानी पीआईएल में दावा किया कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा के राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी से करीबी संबंध हैं, इसलिए कथित सामूहिक दुष्कर्म मामले की निष्पक्ष जांच के लिए इसे कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को ट्रांसफर किया जाए।
याचिका में कहा गया कि मिश्रा ‘साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज’ का पूर्व छात्र है और उसके रोजमर्रा के कामकाज में उसका बहुत प्रभाव है।
- याचिकाकर्ता ने की ये मांग
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि वह राज्य के अधिकारियों को पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को मुआवज़ा देने का निर्देश दे। याचिकाकर्ता ने पश्चिम बंगाल में छात्राओं की सुरक्षा के लिए सरकारी शिक्षण संस्थानों में महिला नागरिक स्वयंसेवकों की नियुक्ति के लिए आदेश देने का अनुरोध किया।
बता दें कि इससे पहले, जज सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली पीठ ने तीन वकीलों को लॉ छात्रा के साथ उसके महाविद्यालय में कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर करने की परमिशन दी थी।
मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध करने वाली याचिका बाद में विजय कुमार सिंघल द्वारा दायर की गई। अन्य याचिकाकर्ता अदालत की निगरानी में जांच और पश्चिम बंगाल के महाविद्यालयों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का अनुरोध कर रहे थे।
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