कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी के सांसद अर्जुन सिंह के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के कुछ दिनों बाद पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में भाजपा के कम से कम 20 नेताओं ने जिला नेतृत्व पर स्थानीय पैनल में शामिल करने के एवज में पैसे लेना का आरोप लगाते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। जलपाइगुड़ी के भाजपा महासचिव अमल राय समेत पार्टी के असंतुष्ट नेताओं ने दावा किया जिन लोगों ने पार्टी के लिए काम किया और राज्य में चुनाव बाद हिंसा के चलते अपने घरों से भाग गए, उन्हें नवगठित मयनगुरी दक्षिण मंडल समिति में जगह नहीं मिली।

राय ने आरोप लगाया कि स्थानीय पैनल में हाल में जिन लोगों को शामिल किया गया, उनके एवज में पैसे लिए गए। उन्होंने दावा, ‘बागी नेताओं ने जिला प्रमुख को अपने त्यागपत्र सौंप दिए हैं।’ जब इस संबंध में संपर्क किया गया तब भाजपा के जलपाईगुड़ी जिला अध्यक्ष बापी गोस्वामी ने आरोपों पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ सप्ताह पहले ही अपनी पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने प्रदेश इकाई को सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को कड़ा मुकाबला देने के लिए पार्टी संगठन को मजबूत करने की सलाह दी थी।

प्रदेश भाजपा प्रवक्त शमिक भट्टाचार्य ने पैसे के एवज में स्थानीय समिति में नए सदस्यों को शामिल करने के आरोप से इनकार किया लेकिन यह जरूर माना कि ‘संगठन में कुछ मतभेद है।’ उन्होंने कहा, ‘पार्टी मामले पर गौर करेगी एवं शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाएगा।’ उल्लेखनीय है कि जलपाईगुड़ी भाजपा का गढ़ है तथा पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में जिले में सात में से चार सीटें जीती थीं। सिंह 22 मई को तृणमूल में लौट गए थे।

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