महाराजा अग्रसेन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में रक्तदान शिविर का आयोजन संपन्न

नई दिल्ली । दिल्ली के सभी छोटे बड़े अस्पताल आजकल खून की किल्लत से जूझ रहे हैं। दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रकोप इस मौसम में बढ़ गया है और इस प्रकार की बीमारियों में इलाज़ के लिए रक्त की बहुत आवश्कता होती है। इस समय राजधानी के अस्पतालों में कोविड संक्रमण ना फैल जाए इसलिए वहाँ पर रक्तदान शिविर भी नही लग पा रहे हैं।जिसे देखते हुए महाराजा अग्रसेन संस्थान के संस्थापक डॉ. नंद किशोर गर्ग की प्रेरणा से रक्त की कमी को पूरा करने के लिए रोहिणी सेक्टर 22 स्थित महाराजा अग्रसेन प्रबंधन संस्थान के युवा छात्र रक्त दान करने के लिए आगे आए हैं। संस्थान में रक्तदान शिविर लगाकर 65 यूनिट रक्तदान हुआ।

संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. नंद किशोर गर्ग ने कहा कि रक्तदान महादान है और एक यूनिट रक्त से चार मरीजों की जान बचाई जा सकती है। डॉक्टर गर्ग के अनुसार उनकी संस्था महाराजा अग्रसेन जी के बताए सिद्धांतों पर चलते हुए समाज सेवा के कार्यों में हर समय संलग्न रहती है। शिविर के संयोजक मोहन गर्ग और अतुल सिंघल ने बताया कि कॉलेज में हर साल नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती 23 जनवरी को रक्तदान शिविर लगाकर सैंकड़ों यूनिट खून विभिन्न अस्पतालों और ब्लड बैंकों को उपलब्ध करवाया जाता है। इस बार आपातकालीन परिस्थिति में डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में खून की ज्यादा मांग और उपलब्धता में कमी को देखते हुए संस्थान के युवाओं ने एनसीसी और एनएसएस के कैडिट्स ने बहुत ही संक्षिप्त सूचना पर आगे आए और बढ़ चढ़कर रक्तदान किया।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रमुख डॉ. डी.एस. चौहान के अनुसार सर्दियों के मौसम में रक्तदान शिविर लगने कम हो जाते हैं। जबकि डेंगू जैसी बीमारी फैली हुई हैं। ऐसे में ब्लड बैंक में खून की कमी हो जाती है। डॉक्टर चौहान ने रक्तदान शिविर लगाने के लिए महाराजा अग्रसेन प्रबंधन संस्थान का धन्यवाद किया। रक्तदान शिविर में संस्थान के प्रबंधन समिति के संयुक्तसचिव मोहन गर्ग, सचिव रजनीश गुप्ता, निदेशक प्रो. रजनी मल्होत्रा ढींगरा, प्रो. उमेश पाठक व जनसंपर्क अधिकारी राकेश ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि एनसीसी और एनएसएस का ध्येय ही समाजसेवा है, जिसको संस्थान के छात्र अपने जीवन में उतार रहे हैं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ ही उन्नत भारत अभियान, एनसीसी, विधि मित्र, प्रो. बोनो क्लब और यूथ रेडक्रॉस की प्रमुख भूमिका रही।

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