बंगाल : जेयू में विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी

  • छात्रों ने समाधान के लिए समयसीमा तय की

कोलकाता : यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। छात्रों ने अपने साथियों पर कथित हमलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कुलपति भास्कर गुप्ता को उनकी शिकायतों का समाधान करने के लिए शाम चार बजे तक का समय दिया।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने चेतावनी दी कि अगर गुप्ता निर्धारित समय के भीतर उनसे मिलने के लिए परिसर में नहीं आए तो वे तीव्र विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने दावा किया कि कुलपति और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने संकट को हल करने के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई।

वामपंथी विचारधारा से समर्थित संगठन के एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘‘कुलपति भास्कर गुप्ता ने हमसे मिलने के लिए कोई शिष्टाचार या तत्परता नहीं दिखाई है। हमने शाम चार बजे तक की समयसीमा दी है, जिसके बाद हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे।’’

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईडीएसओ) ने विरोध प्रदर्शन किया, जबकि डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) सहित कई वामपंथी छात्र समूहों ने बुधवार को प्रदर्शन का आह्वान किया।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने मंगलवार के प्रदर्शन में भाग नहीं लिया, लेकिन पूरे राज्य में अलग-अलग जगह प्रदर्शन किए।

छात्रों की मांगों में शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के खिलाफ ‘हिट-एंड-रन’ का मामला दर्ज करना शामिल है, जिनकी कार ने कथित तौर पर छात्र इंद्रानुज रॉय को टक्कर मार दी थी। रॉय का इलाज चल रहा है।

उन्होंने छात्रों के खिलाफ पुलिस के मामलों को वापस लेने और गिरफ्तार किए गए लोगों की रिहाई की भी मांग की। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, घटना के संबंध में सात मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें रॉय के खिलाफ चार मामले शामिल हैं।

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि विश्वविद्यालय घायल छात्रों के इलाज का पूरा खर्च वहन करे।

एसएफआई ने बसु के इस्तीफे की मांग दोहराई और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा (टीएमसीपी) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर परिसर में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया।

घायल इंद्रानुज के पिता अमित रॉय ने जारी हंगामे के बीच बसु के प्रयासों को स्वीकारा। उन्होंने कहा कि मामलों के संबंध में सरकार की कार्रवाई से उनके असली इरादे सामने आ जाएंगे, हालांकि परिवार का मानना ​​है कि यह एक दुर्घटना थी जिसमें मंत्री की कार शामिल थी।

विश्वविद्यालय परिसर में एक मार्च को हुई हिंसा के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस हंगामे के दौरान वहां से गुजरी बसु के काफिले की एक कार ने कथित तौर पर छात्रों को कुचल दिया जिसमें इंद्रानुज सहित दो छात्र घायल हो गए।

यह घटना तब हुई जब वामपंथी छात्रों ने छात्र संघ चुनाव के संचालन पर चर्चा की मांग करते हुए मंत्री को परिसर से बाहर जाने से रोकने का प्रयास किया। विश्वविद्यालय में कई वर्ष से छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं।

विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी कार की ‘विंडशील्ड’ (खिड़की) क्षतिग्रस्त होने से बसु खुद घायल हो गए।

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