Bengal: Police notice to Karthik Maharaj in rape case

बंगाल : दुष्कर्म मामले में कार्तिक महाराज को पुलिस का नोटिस

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के नवग्राम थाने की पुलिस ने भारत सेवाश्रम संघ के संन्यासी कार्तिक महाराज को एक गंभीर आरोप में नोटिस जारी कर मंगलवार को थाने में पेश होने का आदेश दिया है। महिला से दुष्कर्म और जबरन गर्भपात कराने के मामले में यह कार्रवाई की गई है।

नोटिस देने के लिए पुलिस की एक टीम सोमवार को जिले के बेलडांगा स्थित भारत सेवाश्रम संघ के आश्रम में पहुंची थी। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है, और अब इसकी जांच तेजी से आगे बढ़ रही है।

आरोप लगाने वाली महिला ने नवग्राम थाने में दर्ज अपनी प्राथमिकी में दावा किया है कि उसकी पहली मुलाकात दिसंबर 2012 में कार्तिक महाराज से हुई थी।

उसने बताया कि कार्तिक महाराज ने उसे चनक आदिवासी आवासिक बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने का वादा किया था, जो उनके आश्रम की देखरेख में संचालित होता है। जनवरी 2013 में महाराज ने उसके लिए स्कूल हास्टल में रहने की व्यवस्था की।

उसके बाद महिला के अनुसार, कार्तिक महाराज उसे नियमित रूप से हास्टल के एक अलग कमरे में ले जाते थे और उसके साथ दुष्कर्म करते थे।

इस घटना के परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई। महिला ने आरोप लगाया कि कार्तिक महाराज ने स्कूल के कुछ कर्मचारियों की मदद से उसे बहरमपुर के एक निजी नर्सिंग होम में ले जाकर जबरन गर्भपात कराया। महिला की शिकायत के आधार पर नवग्राम थाने में भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और कार्तिक महाराज को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नोटिस में महाराज को आज दोपहर 2 बजे तक पेश होने का निर्देश दिया गया है, और उनकी गैरहाजिरी में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

साथ ही पुलिस नर्सिंग होम और अन्य संदिग्ध स्थानों पर छापेमारी की योजना बना रही है ताकि मामले के अन्य पहलुओं की पुष्टि की जा सके।

दूसरी ओर कार्तिक महाराज ने इन आरोपों को मिथ्या और आधारहीन करार दिया है। उन्होंने हाल ही में बेलडांगा में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह साजिश उनके खिलाफ की गई है, और वे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।

भारत सेवाश्रम संघ ने भी एक बयान जारी कर कहा कि संगठन इस मामले की निष्पक्ष जांच का समर्थन करता है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला तब सामने आया है जब पश्चिम बंगाल में धार्मिक और सामाजिक संगठनों से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ यौन शोषण के आरोप बढ़ रहे हैं। इससे पहले, हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि महिला ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि 2012 से 2022 तक यह शोषण जारी रहा, और आश्रम के कुछ अन्य सदस्यों ने भी उसे धमकी दी थी।

इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया है, बल्कि भारत सेवाश्रम संघ की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं, जो 1917 में स्वामी प्रणवानंदजी महाराज द्वारा स्थापित एक प्रतिष्ठित संगठन है।

स्थानीय निवासियों और महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि इस तरह के मामलों में तेजी से कार्रवाई हो और पीड़ित को न्याय मिले। एक कार्यकर्ता ने कहा, ‘धार्मिक आश्रमों में इस तरह की घटनाएं असहनीय हैं, और सरकार को ऐसी संस्थाओं पर सख्त नजर रखनी चाहिए।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल गठित करने की संभावना जताई है। साथ ही, यदि कार्तिक महाराज आज थाने में पेश नहीं होते हैं, तो उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया जा सकता है। इस बीच पीड़िता के बयान को रिकॉर्ड करने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष सुनवाई की तैयारी भी शुरू हो गई है।

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