हल्दिया। पश्चिम बंगाल के हल्दिया में सूताहाटा थाना पुलिस इन दिनों चोरों और बदमाशों को पकड़ने के बजाय छह ऊंटों की देखभाल में व्यस्त है। ये ऊंट सुदूर राजस्थान से अवैध रूप से हल्दिया के सूताहाटा थाना क्षेत्र के बसुलिया में लाए गए थे।
एक पशु प्रेमी और पशु संरक्षण संगठन ने सूताहाटा थाने को सूचना दी थी कि सात ऊंटों को अवैध रूप से बसुलिया लाया गया है। सूचना मिलने के बाद, सूताहाटा थाने की एक बड़ी पुलिस टीम ने छापेमारी की।
सूताहाटा थाना सूत्रों के अनुसार, इन ऊंटों को तस्करी के जरिए अवैध रूप से लाया गया था। पुलिस ने छह ऊंटों को बचाकर थाने में लाया। एक ऊंट की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह उठ नहीं पा रहा था, नतीजतन उसे उसी इलाके में पुलिस पहरे में रखा गया है।
बाकी छह ऊंटों को पैदल ही सूताहाटा थाने तक लाया गया। पशु प्रेमी और पशु संरक्षण संगठन के सदस्य सुब्रत दास का दावा है कि ऊंट राजस्थान का राष्ट्रीय पशु है और इन्हें अन्यत्र ले जाने पर कोई विशिष्ट कानून नहीं है।
हालांकि, बेईमान व्यापारियों का एक वर्ग इन्हें पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों सहित बांग्लादेश में तस्करी कर रहा है। बरामद किए गए ये छह ऊंट अब सूताहाटा थाने के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गए हैं।
पुलिसकर्मियों और नागरिक स्वयंसेवकों को ऊंटों के भोजन की व्यवस्था करने के साथ ही उनकी देखभाल में भी व्यस्त रहना पड़ रहा है। जिला पुलिस सूत्रों का दावा है कि उन्होंने पहले ही जिले के पशु संसाधन विभाग से संपर्क कर लिया है।
साथ ही, जिला प्रशासन की मदद से और न्यायालय की अनुमति से इन ऊंटों को वापस राजस्थान भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
इसके अलावा, सूताहाटा थाना पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इन ऊंटों को कौन लाया और इस तस्करी में कौन-कौन लोग शामिल हैं। हालांकि, इन ऊंटों को कितनी जल्दी वापस भेजा जा सकता है, यह देखना अभी बाकी है।
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