कोलकाता। बंगाल में राज्य सरकार के खिलाफ 130 दिनों से धरना दे रहे अनीश खान की अप्राकृतिक मौत हो गई है। कोलकाता के आलिया विश्वविद्यालय में धरने पर बैठे अनीश की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। परिवार और साथियों ने हत्या के लिए टीएमसी और ममता सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। आरोप है कि वर्दी पहनकर आई पुलिस ने अनीश की पीटपीटकर हत्या की और उसका शव फेंककर चले गए। अनीश की मौत के बाद आलिया विश्वविद्यालय के छात्रों की पार्क सर्कस इलाके में पुलिस के साथ झड़प हुई।

यह विवाद तब हुआ जब अनीश की मौत के बाद उसके साथी रैली निकाल रहे थे। पुलिस ने उन्हें पद्मपुकुर इलाके में बैरिकेड लगाकर रोका। इस रैली में लगभग 500 प्रदर्शनकारी शामिल थे। वे न्यू टाउन में विश्वविद्यालय परिसर से एंटली तक एक कैंडल मार्च निकाल रहे थे। खान के परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोग शुक्रवार रात हावड़ा के अमता स्थित उनके आवास में घुसे और उसे जबरन छत पर ले गए और ताकि उसे नीचे धकेला जा सके।

खान के लिए न्याय की मांग करते हुए आंदोलनकारियों के एक वर्ग ने पद्मपुकुर के पास पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड को पार करने की कोशिश की। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। अधिकारी ने बताया कि हालात जल्द ही नियंत्रित कर लिए गए। हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क के एक हिस्से को जाम कर दिया जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि अनीश खान की निर्दयता से हत्या करने वालों की जल्द गिरफ्तारी हो।

इधर पुलिस ने कहा कि उसका कोई भी कर्मी उक्त घटना में शामिल नहीं है। मृतक छात्र नेता के दोस्तों ने दावा किया कि उसे प्रतिष्ठान विरोधी आंदोलन खड़ा करने की कोशिश के लिए मारा गया है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे मंगलवार को नवान्न तक एक मार्च निकालेंगे। इधर अनीश खान की मौत मामले में राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने गहरा दुख जताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि हत्या के पीछे षड्यंत्र की आशंका है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटना यूपी में होती है। उन्होंने कहा कि अनीश खान की हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।

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