कोलकाता। पेगासस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का हैरान करने वाला दावा सामने आया है। ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि चार-पांच साल पहले पेगासस स्पाईवेयर को विकसित करने वाली साइबर सुरक्षा कंपनी ने राज्य पुलिस से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि उस कंपनी ने इजरायली स्पाइवेयर को सिर्फ 25 करोड़ रुपये में बेचने की पेशकश की थी, लेकिन जब उन्हें इसके बारे में पता चला तो उन्होंने कंपनी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि देश की सुरक्षा के लिए स्पाइवेयर का उपयोग करने के बजाय, राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार ने न्यायाधीशों और अधिकारियों के खिलाफ इस्तेमाल किया गया था। हालांकि, तेलुगु देशम पार्टी ने बुधवार को ममता की ओर से किए गए इस दावे का खंडन किया कि आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने कार्यकाल के दौरान इस स्पाइवेयर को खरीदा था।

राज्य सचिवाल में ममता बनर्जी ने कहा ‘उन्होंने (एनएसओ, पेगासस विकसित करने वाली कंपनी) अपना माल बेचने के लिए सभी से संपर्क किया था। उन्होंने चार-पाच साल पहले हमारी पुलिस से संपर्क किया था और उसे 25 करोड़ रुपए में बेचने की पेशकश की थी। मुझे जानकारी थी, लेकिन मैंने कहा हमे इसकी आवश्यकता नहीं है।’

ममता ने आगे कहा कि अगर इसका इस्तेमाल देश के फायदे के लिए या फिर सुरक्षा कारणों से किया गया होता तो अलग बात होती, लेकिन इसका इस्तेमाल राजनीतिक उद्धेश्यों के लिए, न्यायाधीशों, अधिकारियों के खिलाफ किया गया है, जिसका बिल्कुल भी स्वागत नहीं किया जा सकता है। ममता बनर्जी ने विधानसभा में दावा किया था आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार के पास यह स्पाइवेयर था।

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