प्रतीकात्मक छवि : साभार गूगल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में एक के बाद एक कई पटाखा कारखाने में हुए विस्फोट में कम से कम 17 लोगों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की नींद टूटी है। राज्य सरकार इन कारखानों में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी। सचिवालय सूत्रों ने बताया है कि गत मंगलवार को पटाखा बनाने वाले कई कारखानों के संगठनों के साथ मुख्य सचिव हरे कृष्ण द्विवेदी ने बैठक की है। इसमें पटाखा कारखानों के लिए कलेक्टर बनाने की तो बात हुई है साथ ही बाद में सरकार ने यह निर्णय लिया है कि महाराष्ट्र के नागपुर में स्थित नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से ऐसे कर्मचारियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।

राज्य सरकार की ओर से इस बाबत इंस्टिट्यूट को पत्र लिखा जा रहा है और संस्थान ने भी शुरुआती बातचीत में इस पर सहमति जताई है। इस बाबत एक ईमेल भेज दिया गया है। संस्था की ओर से बताया गया है कि नए लाइसेंस हासिल करने वाले पटाखा कारखाने में काम करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जून महीने के पहले और दूसरे सप्ताह में दो बैच में यह प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राज्य सचिवालय से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षण से पटाखा बनाने वालों को सावधानी से काम करने में सहूलियत होगी। इससे पटाखा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों के एकत्रीकरण में भी मदद मिलेगी। तय सीमा में एकत्रीकरण हो सके इसके लिए जिला प्रशासन को भी विशेष तौर पर निर्देश दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि 17 मई से लेकर आज तक राज्य भर में जगह-जगह छापेमारी कर 150 से अधिक ऐसे लोगों को पकड़ा गया है जो गैरकानूनी तरीके से पटाखा बनाने के कारोबार में लिप्त रहे हैं। इसके अलावा डेढ़ सौ किलो से अधिक पटाखे और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

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