बंगाल चुनाव 2026 || SIR प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारी बनेंगे स्वयंसेवक, 14,000 नए बूथ जोड़ने की तैयारी

कोलकाता | 26 अक्टूबर 2025: पश्चिम बंगाल में आगामी अप्रैल 2026 के विधानसभा चुनावों को लेकर चुनाव आयोग (EC) ने मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

इस प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों को स्वयंसेवक (volunteers) के रूप में नियुक्त किया जाएगा, जो बूथ-स्तरीय अधिकारियों (BLOs) की मदद करेंगे।

📌 प्रमुख निर्णय और कार्य योजना:

  • स्वयंसेवक कौन होंगे:
    – स्थायी शिक्षक, क्लर्क, अन्य सरकारी कर्मचारी
    – BLOs की अनुपस्थिति में उनकी भूमिका निभा सकते हैं
  • बूथों की संख्या और सीमा:
    – प्रत्येक बूथ पर अधिकतम 1,200 मतदाता
    – मौजूदा 80,000 बूथों में 14,000 नए बूथ जोड़े जाएंगे
  • कार्य दायित्व:
    – गणना प्रपत्र (enumeration forms) भरने में मदद
    – मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना
    – मतदाता पहचान और सत्यापन में BLOs का सहयोग

चुनाव आयोग हर ब्लॉक के सरकारी कर्मचारियों का डेटा जुटा रहा है ताकि उन्हें SIR प्रक्रिया में लगाया जा सके। ये स्वयंसेवक सरकारी कर्मचारी ही होंगे।

वे गणना प्रपत्र (enumeration forms) भरने में मदद करेंगे और जरूरत पड़ने पर SIR प्रक्रिया के दौरान BLOs की जगह भी ले सकते हैं।

🧠 प्रशासनिक तैयारी:

  • BDOs ने स्कूल निरीक्षकों को पत्र भेजे
  •  29 अक्टूबर तक शिक्षकों और कर्मचारियों की सूची मांगी गई
  • मोबाइल नंबर और अन्य विवरण के साथ प्रारूप साझा किया गया
  • भत्ते की स्थिति:
    – स्वयंसेवकों के लिए allowance की राशि अभी तय नहीं हुई है
    – राज्य सरकार और EC के बीच इस पर विचार जारी

ऐसे बूथों पर इन स्वयंसेवकों को मुख्य रूप से लगाया जाएगा जहां 1,200 से अधिक मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने सभी बूथों पर मतदाताओं की संख्या 1,200 तक सीमित रखने का फैसला किया है।

इसके लिए पश्चिम बंगाल में मौजूदा 80,000 बूथों में 14,000 नए बूथ जोड़े जाएंगे।

📌 चुनावी समयरेखा:

  • चुनाव की घोषणा: मार्च 2026 की शुरुआत में संभावित
  • मतदान की संभावना: अप्रैल 2026 तक

इस बीच, BLOs के एक समूह ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज अग्रवाल को सुरक्षा प्रदान करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा है।

अधिकारियों का कहना है कि सभी BLOs को सुरक्षाकर्मी नहीं दिए जाएंगे, लेकिन अगर स्थिति की मांग होगी तो जिला मजिस्ट्रेट (DM) या उप-मंडल मजिस्ट्रेट (SDO) मामले के आधार पर सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे कोलकाता हिन्दी न्यूज चैनल पेज को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। एक्स (ट्विटर) पर @hindi_kolkata नाम से सर्च करफॉलो करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

1 × four =