मालदा। पश्चिम बंगाल में 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा से जुड़े एक बेहद संवेदनशील मामले में आज एक बड़ी न्यायिक कार्रवाई सामने आई है। मालदा जिले की द्वितीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) ने आरोपी रफीकुल इस्लाम उर्फ भेलू को 12 साल से कम उम्र की नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
यह मामला 2021 के पोस्ट-पोल हिंसा मामलों की जांच के तहत आया था, जिसकी जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को कलकत्ता हाईकोर्ट के 19 अगस्त 2021 के आदेश के तहत सौंपी गई थी।
मामला मूल रूप से थाना मानिकचक, जिला मालदा में दर्ज एफआईआर संख्या 201/2021 से जुड़ा हुआ है, जो 5 जून 2021 को दर्ज की गई थी।
सीबीआई की जांच में सामने आया कि आरोपी रफीकुल इस्लाम ने 4 जून 2021 की शाम को अपने आम के बागान में खेल रही लगभग 9 वर्षीय नाबालिग बच्ची को पैसों का लालच देकर अपने पास बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

घटना की सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि पीड़िता की 10 वर्षीय चचेरी बहन, जो कि खुद भी नाबालिग है, उसने यह पूरा कृत्य देखा और वह इस मामले की प्रत्यक्षदर्शी बनी।
मामले की सुनवाई के दौरान दोनों बच्चियों ने कोर्ट में साहसपूर्वक बयान दर्ज कराया और आरोपी के खिलाफ सशक्त गवाही दी। इसके आधार पर 2 जुलाई को कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार दिया और शुक्रवार को सजा सुनाई गई।
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को ‘पीड़ित मुआवजा कोष’ से 3 लाख रुपए की राशि प्रदान करे, ताकि उसका पुनर्वास संभव हो सके।
यह पहला पोस्ट-पोल हिंसा से संबंधित मामला है जिसमें आरोपी को दोषी ठहराकर उम्रकैद की सजा दी गई है। यह निर्णय न केवल न्यायपालिका की संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि चुनावोत्तर हिंसा के मामलों में अब कानून अपना काम कर रहा है।
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